वाराणसी। उत्तर प्रदेश का वाराणसी उस सुनहरे पल का गवाह बना, जब विदेशी गोरे से भारतीय लडक़ी ने विवाह रचाया। यह शादी वाराणसी में भगवान शिव और मां गंगा के सामने हुई। आपको बता दें कि गुरूवार को अस्सी घाट के पास स्थित शिव मंदिर में तब देखने को मिला जब दो विदेशी प्रेमी युगल सप्तवदी के 7 फेरों के संस्कारों के साथ सात जन्मों के बंधन में बंधे और इसका गवाह उनके विदेशी और देशी मित्रों और परिजनों के साथ भगवान शिव और मां गंगा बनी।
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स्वीडन के रहने वाले निकोलस तथा वहीं की रहने वाली लडक़ी टिल्डा का प्यार आज परवान चढ़ गया और दोनों ने पूरे हिन्दू रिति-रिवाज से शादी की। अस्सी स्थित एक रेस्तरां से धूमधाम से बैंड तथा बाजे पर निकली बरात में लोग जमकर झूमे और नाचे। अपनी शादी की खुशी का इजहार करते हुए टिल्डा ने बताया कि निकोलस एक अच्छे इंसान है और हमारी मुलाकात काशी में ही 2 वर्ष पहले हुई थी।
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वहीं निकोलस ने अपने प्यार के अफसाने को परवान चढ़ते देख मस्ती में झूमते हुए कहा कि हमें इन्डियन ट्रेडिशन से मैरिज करना हमारा सपना था क्योंकि हमने इसे लेकर कसम खाई थी। वहीं मैरिज का आयोजन कर रहे अजय मिश्रा ने बताया कि 5 वर्ष पूर्व स्वीडन की रहने वाली टिल्डा बनारस रिसर्च करने आई थी तथा एक साल लगभग हमारे संपर्क में थी। इस दौरान हम लोग उन्हें यहां के शादी विवाह के आयोजनों में ले जाया करते रहे जिससे वो काफी प्रेरित हुई।
फिर दो साल पहले अस्सी के एक कैफे में जब टिल्डा पुन : यहां आई तो उनकी मुलाकात निकोलस से हुई और दोनों में प्यार हो गया। दोनों ने अस्सी के इसी घाट पर साथ में कसम भी खाया कि यही हिन्दू रीतिरिवाज से हम शादी करेंगे और यह दोनों सिर्फ अपने उसी वचन को पूरा करने के लिए यहां शादी करने आए है जिसमे हमने उनकी पूरी मदद की।
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