नैनीताल। उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने राज्य सरकार से चमोली, रूद्रप्रयाग और उत्तरकाशी जिलों में शराब की बिक्री और खपत पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने को कहा है जहां प्रसिद्घ हिमालयी धाम बदरीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री तथा यमुनोत्री स्थित हैं।
हरिद्वार में कथित रूप से शराब परोसने वाले एक वैडिंग हाल पर प्रतिबंध लगाये जाने का आग्रह करने वाली याचिका पर कल सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति राजीव शर्मा और आलोक सिंह की उच्च न्यायालय की खंडपीठ ने राज्य सरकार को रूद्रप्रयाग, चमोली और उत्तरकाशी जिलों में अगले वित्तीय वर्ष :20017-18: से शराब पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने का निर्देश दिया।
चौबीस फरवरी, 2002 के एक सरकारी आदेश के बाद से हरिद्वार के धार्मिक महत्व को देखते हुए वहां शराब की बिक्री और उसे पीने पर पहले से ही मनाही है।
उंची पहाडिय़ों पर स्थित बदरीनाथ धाम चमोली जिले में स्थित है जबकि केदारनाथ रूद्रप्रयाग जिले में और गंगोत्री तथा यमुनोत्री उत्तरकाशी जिलों में है।
हालांकि, अदालत ने प्रदेश के कु क्षेत्रों में शराब की बिक्री पर मनाही के लिये राज्य सरकार की सराहना भी की लेकिन कहा कि युवाओं में शराब पीने की बढ़ती प्रवृत्ति के मददेनजर कम से कम इन तीन जिलों में शराब पर पूर्ण प्रतिबंध लगाना जरूरी है।
उच्च न्यायालय ने राज्य सरकार से सार्वजनिक स्थानों पर शराब पीने, शराबियों के इकट्ठे होने तथा शराब पीकर सार्वजनिक स्थानों पर हिंसा करने पर भी प्रतिबंध लगाने को कहा है।
अपने आदेश में अदालत ने यह भी कहा है कि अगले वित्तीय वर्ष से शैक्षणिक संस्थानों या धार्मिक जगहों के एक किलोमीटर के दायरे में शराब की कोई दुकान नहीं होनी चाहिये।