उत्तरप्रदेश में योगी सरकार के आते ही अवैध बूचड़खानों की सामत सी आ गई है। इनके साथ अवैध मीट की दुकानें चलाने वाले लोग भी अब दुकानों को बंद कर किनारे हो गए है।
वहीं अवैध बूचड़खानों के सील करने की कार्रवाई के विरोध में यूपी के कई शहरों में मीट व्यापारी बेमियादी हड़ताल पर चले गए है।
लखनऊ और कई अन्य इलाकों में नॉन-वेज खाने वालों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। मटन और चिकन विक्रेताओं के बाद अब मछली कारोबारियों ने भी इस बेमीयादी हड़ताल में शामिल होने का एलान कर दिया है।
व्यापारियों की हड़ताल अघोषित तौर पर दो दिन पहले से ही चल रही है लेकिन सोमवार से इसे राज्य के कई इलाकों में लागू किया जा रहा है।
मालूम हो कि राजधानी लखनऊ समेत प्रदेश के अनेक जिलों में बूचड़खाने बंद किये जाने की वजह से मांसाहार परोसने वाले होटलों और रेस्त्रां में व्यंजन बनाने के लिये मटन और चिकन का इस्तेमाल किया जा रहा था।
अब मटन और चिकन बेचने वालों की हड़ताल की वजह से ये सभी प्रतिष्ठान बंदी की कगार पर पहुंच गये हैं। लखनऊ बकरा गोश्त व्यापार मण्डल के पदाधिकारी मुबीन कुरैशी के मुताबिक हड़ताल को और तेज करने का फैसला किया गया है।
मांस की सभी दुकानें बंद रहेंगी। मछली विक्रेताओं ने भी इस हड़ताल में शामिल होने की घोषणा की है।’’ कुरैशी ने कहा कि बूचड़खानो पर कार्रवाई के कारण लाखों लोगों की रोजीरोटी पर संकट पैदा हो गया है।