मुंबई। मोदी सरकार द्वारा 500 और 1000 के नोट बंद करने के बाद काला धन रखने वालों की हालत खराब हो गई है। मोदी सरकार के इस कड़े फैसले के बाद शिवसेना ने नाराजगी जताई है। आम जनता की परेशानी का जिक्र करते हुए शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने कहा कि अगर जनता ने सर्जिकल स्ट्राइक कर दिया तो सरकार पर भारी पड़ेगी।
उन्होंने याद दिलाया कि एक बार ऐसे ही मोरारजी देसाई ने किया था, बाद में उसका क्या हुआ यह सब जानते हैं। धन की बात करने वाले मोदी आम जनता के मन की बात को भूल गए। आम जनता की कौन सुनेगा ?
नोट बंदी के तीन दिन बाद शिवसेना अध्यक्ष ने यह बयान दिया। इससे पहले पार्टी मुखपत्र ने मोदी के निर्णय का स्वागत किया था। ठाकरे ने सवाल किया कि इस निर्णय से क्या सचमुच कालाधन वापस आएगा। सरकार ने बिना किसी पूर्व तैयारी के निर्णय लिया। इससे अब जनता परेशान है। मुलुंड ने कतार में खड़े एक व्यक्ति की मौत हो गई। अस्पताल में मरीज परेशान है, आखिर इसके लिए कौन जिम्मेदार है। सरकार के निर्णय से लोग शादियां टाल रहे हैं? ठाकरे ने आगे कहा कि, देश की जनता को परेशानी में डालकर प्रधानमंत्री जापान चले गए। स्विस बैंक से काला धन लाने की घोषणा करने वाले मोदी कुछ नहीं कर पाए, जिस पाकिस्तान से जाली नोट आ रहे हैं उस पर तो कार्रवाई करने की बजाय 500-1000 के नोट बंद कर दिए।
भाजपा की सहयोगी दल शिवसेना के अध्यक्ष ठाकरे ने कहा, अचानक ही बड़े नोट चलन से बाहर कर देना गलत है। नोट रद्द करने का निर्णय जिस सरकार ने लिया उसे आम जनता ने ही चुना है। अब वही जनता परेशान है। उन्होंने कहा, शिवसेना भी काला धन के खिलाफ है, लेकिन किसी निर्णय से जनता परेशान होती है तो उसे सही कैसे ठहरा सकते है? सामान्य जनता के खून पसीने की कमाई होती है। उसके पास काला पैसा नहीं है। लोग आज बैंक में, एटीएम में घंटो कतार में लगे है फिर भी उन्हें पैसा नहीं मिल रहा है। यह निर्णय सरकार को भारी पड़ेगा।