नई दिल्ली। भारत की राजनीति में कितने प्रकार के चहरे होते है यह तो आज तक किसी को पता नहीं चला। लेकिन फिर भी भारतीय राजनीति के बारे में कहा जाता रहा है कि इसमें गुंड़े किस्म के राजनेताओं का बोलबाला रहता है। वैसे देखा जाए तो यह बात तब साबित हो जाती है जब किसी राजनेता के बारे में किसी अपराध में सम्मिलित होने की खबरे आती है। इस
लेकिन इस बारे में हमेशा से ही कयास लगाते रहते है कि हमारे देश के नेताओं की छबि एक ईमांदार और साफ-सुथरे जीवन चरित्र जैसी हो। पर इस बारे में जल्दबाजी में कुछ भी कहना उचित नहीं होगा। महाराष्ट्र में शिवसेना के सांसद द्वारा एअर इंडिया के कर्मचारियों के साथ मारपीट के मामले ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि हमारे राजनेताओं को खुली आजादी है कि वो किसी के साथ भी कुछ भी कर सकते है।
वहीं दूसरी और लंदन के एक सांसद ने कुछ ऐसा काम किया है कि पूरा देश उनके इस काम पर गर्व महसूस कर रहा है। ये है राजनीति के दो चहरे। जिसमें एक और भारत के राजनेता सासंद गायकवाड़ मामूली विवाद को लेकर एअर इंडिया के कर्मचारी के साथ मारपीट कर बैठे। वहीं दूसरी ओर ब्रिटिश सांसद टोबाइस इलवुड ने हाल ही में पार्लियामेंट के बाहर आतंकी हमले में घायल हुए एक पुलिसकर्मी को बचाने के लिए उसके पास चले गए।
इन दोनों घटनाओं से जाहिर होता है कि अभी भी भारत में अच्छे राजनेताओं की कमी है। तो आईए आपको बताते है दोनों घटनाओं के बारे में। जानकारी के अनुसार महाराष्ट्र के शिवसेना सांसद रवींद्र गायकवाड़ द्वारा एअर इंडिया के स्टाफ के साथ मारपीट के मामले को लेकर गायकवाड़ मीडिया की सुर्खियों में बने हुए है।
गायकवाड़ ने गुरुवार को कबूल किया था कि उन्होंने एअर इंडिया के स्टाफ के साथ मारपीट की थी। इस मामले में सामने आया था कि सांसद गायकवाड़ ने करीब 25 बार एअर इंडिया के एक कर्मचारी को सैंडल से मारा था। गायकवाड़ के अनुसार उन्हे एयर इंडिया की एक फ्लाइट में बिजनेस क्लास की जगह इकॉनोमी क्लास में बिठाया गया था और एअर इंडिया के कर्मचारियों ने उनके साथ बदतमीजी की थी।
बस इसी बात को लेकर सांसद गायकवाड़ एयर इंडिया के कर्मचारियों पर बरस गए और एक कर्मचारी को 25 बार सैंडल से मारा। उधर ब्रिटेन में बुधवार को ब्रिटिश पार्लियामेंट के बाहर एक आतंकी हमला हुआ था जिसमें पांच लोगों की मौत हो गई थी। इस हमले के दौरान ब्रिटिश सांसद टोबाइस इलवुड अपनी जान की परवाह किए बिना ही हमले में बुरी तरह घायन हुए पुलिसकर्मी को बचाने के लिए मौके पर पहुंच गए।
उधर दूसरी तरफ हमले के बाद वहां मौजूद भीड़ में से कोई भी उस घायल पुलिसकर्मी को बचाने के लिए नहीं आया। लेकिन इलवुड अपनी जान जोखिम में डालकर उसकी मदद करने को आग आ गए। इतना ही नहीं सांसद इलवुड ने पुलिसकर्मी को अपने मुह से सांस देकर पुलिसकर्मी को बचाने का प्रायास किया लेकिन तब भी वे उसे बचा नहीं पाए। भारत और ब्रिटेन में हुए इन दोनों वाक्यों में से ब्रिटेन के सांसद की हर तरफ से तारीफ की जा रही है तो वहीं भारत में शिवसेना के सांसद गायकवाड़ की लोग बुराइया कर रहे हैं।