नई दिल्ली। चीन की सेना के दो हेलीकॉप्टरों ने शनिवार को उत्तराखंड के चमोली जिले के वायुक्षेत्र में चक्कर काटे जिससे चीन की सेना के इस साल मार्च से भारतीय वायुक्षेत्र में इस तरह के चौथे घुसपैठ को लेकर भारत के सुरक्षा प्रतिष्ठान में चिंताएं पैदा हो गईं।
आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि करीब पांच मिनट बाद चीन की तरफ वापस लौटे हेलीकॉप्टरों द्वारा संभवत टोही मिशन के तहत भारत के जमीनी सैनिकों के हवा से तस्वीरें लेने की आशंका है।
वायुसेना के सूत्र ने कहा कि भारतीय वायुसेना इस घटना की जांच कर रही है। हेलीकॉप्टरों की पहचान जहीबा श्रृंखला के हमलावर हेलीकॉप्टरों के रूप में हुई है।
पिछले मौकों पर चीन के हेलीकॉप्टर भारतीय क्षेत्र में करीब साढ़े चार किलोमीटर तक घुस आए थे। इस क्षेत्र पर चीन अपना दावा करता है और इसे ‘वू जे’ के रूप में मान्यता देता है।
चीन के घुसपैठ के बाद राज्य और सेना के अधिकारी तिब्बत के साथ 350 किलोमीटर की सीमा पर सुरक्षा की समीक्षा कर रहे हैं। इसे क्षेत्र को आमतौर पर ’मिडिल सेक्टर‘ कहा जाता है।
बाराहोती इस सेक्टर के तीन में से एक सीमावर्ती चौकी है। यह सेक्टर उत्तर प्रदेश, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में पड़ता है। जून 2000 में केन्द्र सरकार द्वारा किए गए एकपक्षीय फैसले के तहत इस सेक्टर में आईटीबीपी जवानों को हथियार लेकर आने की अनुमति नहीं है और वे सादे कपड़ों में रहते हैं।
वर्ष 1958 में भारत और चीन ने इस सेक्टर को विवादित क्षेत्र में शामिल किया था और फैसला किया था कि वहां कोई भी पक्ष अपने जवानों को नहीं भेजेगा।