सत्य और अहिंसा के पुजारी थे राष्ट्रपिता महात्मा गांधी, पुण्यतिथि पर उनको शत-शत नमन

Samachar Jagat | Monday, 30 Jan 2017 10:56:00 AM
Truth and non-violence was priest of Nation, Mahatma Gandhi, on his death anniversary cent Regards

नई दिल्ली। भारत के राष्ट्रपिता और सत्य और अहिंसा के सबसे बड़े पुजारी महात्मा गांधी की सोमवार को 69वीं पुण्यतिथि है। बापू को पूरा देश याद कर रहा है, रविवार को प्रधानमंत्री मोदी ने भी लोगों से मन की बात में अपील की थी वो आज 11 बजे दो मिनट का मौन रखकर बापू समेत तमाम शहीदों को श्रद्धांजलि दें।

दुनिया को सत्य और अहिंसा का सबसे ताकतवर हथियार देने वाले महापुरुष महात्मा गांधी की आज ही के दिन 1948 में हत्या कर दी गई थी। आज ही के दिन 1948 में गांधी जी दिल्ली के बिरला हाउस में एक प्रार्थना सभा में हिस्सा लेने जा रहे थे तभी नाथूराम गोडसे ने गांधी जी पर गोलियां दाग दीं थीं। जब तक किसी को कुछ समझ आता बापू का निधन हो चुका था।

गोडसे ने बापू पर तीन गोलियां चलाई थीं और बापू के मुंह से निकला था हे राम। गांधीजी ने अपने जीवन को पूरी तरह से देश को समर्पित कर दिया था। अंग्रेजों के खिलाफ लड़ाई में उन्होंने कुल 12 हजार 75 दिन तक संघर्ष किया था। लेकिन देश को आजादी दिलाने के बाद महज 168 दिनों तक ही वो जिंदा रह पाए थे। इस मौके पर राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी, उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी और पीएम मोदी राजघाट जाकर बापू को श्रद्धांजलि दी।

श्रद्धांजलि देने का कार्यक्रम सुबह 9.45 बजे राजघाट पर शुरु हुआ। इसके साथ ही देशभर में सुबह 11 बजे दो मिनट का मौन रख कर बापू और देश के लिए प्राण न्योछावर करने वाले शहीदों को श्रद्धांजलि दी जाएगी। महात्मा गांधी का निधन 30 जनवरी 1948 को दिल्ली में हुआ था।

भारत के सभी आम नागरिक जानते हैं कि जब-जब गांधी जी लाठी लेकर निकले तो लोग उनके पीछे चले और कारवां बनता गया। लेकिन गांधी जी के जीवन से जुड़ी एक ऐसी बात है जिसके बारे शायद उनके करीबियों के अलावा बहुत कम लोग जानते हैं। गांधी जी हमेशा धोती पहने, लाठी लिए पैदल ही चलते थे।



 

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