तृणमूल का चरित्र लाठीतंत्र और हिंसा : भाजपा

Samachar Jagat | Wednesday, 04 Jan 2017 06:26:21 AM
Trinamool's character Latitntr and violence: BJP

नई दिल्ली। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने कोलकाता में पार्टी के प्रदेश मुख्यालय पर तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ताओं के सिंह हमले को‘तृणमू हिंशक गुण्डों का लाठीतंत्र’से लोकतंत्र पर हमला करार दिया है और कहा है कि इससे साबित होता है तृणमूल कांग्रेस का लोकतंत्र और कानून-व्यवस्था पर भरोसा नहीं है ।

भाजपा में पश्चिम बंगाल के प्रभारी राष्ट्रीय सचिव एवं प्रवक्ता सिद्धार्थनाथ सिंह ने आज यहां कहा कि लोकतंत्र में हिंसा का कोई स्थान नहीं होता है । लोकतंत्र में मुख्यमंत्री और सत्तारूढ़ पार्टी ही दंगा और हिंसा कराये तो वहां लोकतंत्र की हत्या होती है । उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल में जो हो रहा है, वह लाठीतंत्र है। तृणमूल कांग्रेस लाठीतंत्र के माध्यम से दंगा भडक़ाने में लगी है । 

उन्होंने कहा कि रोजवैली चिटफंड मामले में केन्द्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की जांच में जब तृणमूल सांसद तापस पॉल और फिर सुदीप बंद्योपाध्याय को गिरफ्तार किया गया तो भाजपा कार्यालय के बाहर आक्रोशित भीड़ इकठा गुवाई तृणमूल की विधायक शशि पांजा और पार्षद शान्तनु सेन कर रहे थे । 

उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा कार्यालय के बाहर तैनात 20-25 पुलिसकर्मियों ने थोड़ी देर के लिये मुंह फेर लिया जिसके बाद भाजपा कार्यालय पर जबरदस्त पथराव किया गया जिसमें प्रदेश सचिव अमिताभ रॉय सहित करीब एक दर्जन कार्यकर्ता घायल हुए हैं। पुलिस ने दंगाइयों को रोकने या पकडऩे की कोई कोशिश नहीं की । 

सिंह ने कहा कि यह तृणमूल कांग्रेस का सीधा हमला है। इससे साबित होता है कि वे लोकतंत्र और कानून व्यवस्था को नहीं मानते हैं। उन्होंने कहा कि नोटबंदी के दौरान सेना के नियमित के अभ्यास को तख्तापलट का नाम देकर जनता को भडक़ाने का प्रयास किया गया। अब इस घटना से साफ हो गया है कि दंगा करना तृणमूल कांग्रेस का चरित्र बन गया है । 

भाजपा नेता ने कहा कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को समझ लेना चाहिये कि हिंसा और हमला चिटफंड घोटाले से क्लीनचिट नहीं मिलेगी। वह इसलिये घबरायीं हैं क्योंकि सीबीआई जांच उनके दरवाजे तक पहुंच गयी है । उन्होंने कहा कि तृणमूल कांग्रेस के‘गुण्डों’की भहसा चोर की दाढ़ी में तिनके के समान है और एक प्रकार से दोष को स्वीकारना है । 

उन्होंने कहा कि बनर्जी को सीधा सीधा जवाब देना चाहिये कि उनके नेता हर चिटफंड घोटाल में क्यों लिप्त पाये जा रहे हैं। क्यों राज्य सरकार की मशीनरी जांच में विफल हो रही है और क्यों अदालत को दखल देनी पड़ रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि तृणमूल के नेताओं ने पश्चिम बंगाल के 17 लाख गरीबों कमाई लूटी है और सीबीआई ईमानदारी से जांच कर रही है तो तृणमूल कांग्रेस के नेता उसे बाधित करने के लिये हर हथकंडा अपना रहे हैं । -(एजेंसी)



 

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