हैदराबाद। क्रांतिकारी लेखक वरवरा राव ने ‘आरके’ के नाम से मशहूर शीर्ष माओवादी नेता अक्किराजू हरगोपाल उर्फ रामकृष्ण की पत्नी के आरके के पुलिस की हिरासत में होने के आरोप का समर्थन करते हुए कहा है कि वह सुरक्षित और जीवित है।
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हैदराबाद उच्च न्यायालय ने कल आरके की पत्नी श्रीशा से यह पूछा कि क्या उनके पास आरके की पुलिस हिरासत का कोई सबूत है। याचिकाकर्ता ने आरके की पुलिस हिरासत के बारे में सबूत इकट्टा करने के लिए 10 दिन का समय मांगा है। आंध्र प्रदेश पुलिस ने कल अदालत को बताया था कि शीर्ष माओवादी नेता उनकी हिरासत में नहीं है। श्रीशा ने कहा था कि राज्य सरकार ने उनके पति को हिरासत में रखा है और उसने ऐसी आशंका जताई थी कि आरके को मारा जा सकता है और बाद में इसे मुठभेड़ के रूप में बताया जा सकता है।
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इस बीच आंध्र-ओडिशा सीमा पर हाल ही में हुई मुठभेड़ में घायल आरके और अन्य नौ आदिवासियों को पेश करने की आंध्र सरकार से मांग करने वाले श्री वक्करा राव ने आरके के जीवित होने का दावा किया है। राव ने यहां संवाददाताओं से आरके के सुरक्षित होने का दावा करते हुए कहा कि एओबी इलाके में माओवादियों की प्रवक्ता माने जानी वाली ‘जगबंधू’ नाम की महिला की ऑडियो क्लिप सुनने के बाद वह इस निष्कर्ष पर पहुंचे।
उन्होंने मांग की कि आंध्र प्रदेश पुलिस को एओबी इलाके में अभियान रोक देना चाहिए। भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी और माक्र्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी समेत वाम दल पुलिस से आरके को तुरंत अदालत में पेश करने की मांग कर रहे हैं। -एजेंसी
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