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Samachar Jagat | Monday, 27 Mar 2017 04:43:22 PM
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राम मंदिर मुद्दाः गिरीराज सिंह ने कहा हिंदू-मुस्लिम का डीएनए एक, मिलकर करेंगे राम मंदिर का निर्माण

राम मंदिर मुद्दाः गिरीराज सिंह ने कहा हिंदू-मुस्लिम का डीएनए एक, मिलकर करेंगे राम मंदिर का निर्माण

पिछले हफ्ते सुप्रीमकोर्ट द्वारा राम मंदिर को लेकर की गई टिप्प्णी के बाद से मामला सुर्खियों में छाया हुआ है। कई पार्टियों के नेता इस मुद्दे को लेकर अपने अपने विचार व्यक्त कर चुके है। 

इसी बीच केंद्रीय मंत्री एवं बीजेपी नेता गिरीराज सिंह ने दावा है कि अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण अवश्य होगा। उन्होंने कहा कि हिंदू और मुसलमान का डीएनए एक ही है, ऐसे में दोनों मिलकर राम मंदिर का निर्माण करेंगे।

केंद्रीय मंत्री गिरीराज सिंह ने दावा कि अयोध्या में राम मंदिर का भव्य निर्माण होगा और 200 फीसदी होगा। उन्होंने कहा कि हिंदू और मुसलमान दोनों मिलकर राम मंदिर बनाएंगे, क्योंकि मुसलमान भी हमारे वंशज हैं।

दोनों का डीएनए एक ही है। हिंदू और मुसलमानों के पूर्वज एक ही हैं। हालांकि अब धर्म अलग-अलग हो गया है, इबादत अलग हो गई है, लेकिन हमारे पूर्वज एक ही हैं। 

केंद्रीय मंत्री गिरीराज सिंह ने कहा कि मुसलमानों की भी आस्था राम मंदिर में है और अपने पूर्वजों की याद में हम मिलकर राम मंदिर का निर्माण अवश्य करेंगे। 

हार्दिक पटेल की दो टूक, कहा- गुजरात में BJP जीती तो भी जारी रहेगा आंदोलन

हार्दिक पटेल की दो टूक, कहा- गुजरात में BJP जीती तो भी जारी रहेगा आंदोलन

अहमदाबाद। पाटीदार आरक्षण आंदोलन के नेता हार्दिक पटेल ने सोमवार को कहा कि अगर सत्तारूढ बीजेपी गुजरात में इस वर्ष होने वाले विधानसभा चुनाव जीत भी जाएं तो भी उनका आंदोलन जारी रहेगा। हार्दिक ने यहां क्राइम ब्रांच कार्यालय में साप्ताहिक पेशी के बाद पत्रकारों से कहा कि हो सकता है कि बीजेपी गुजरात में फिर से चुनाव जीत जाएं पर इससे उनका आंदोलन समाप्त नहीं होगा।

हमारी लडाई जारी रहेगी। मुझे जेल भी भेज दिया जाएं तो इससे कोई फर्क नही पडता। ये विचारधारा की लडाई है। उन्होंने कहा कि एक स्थानीय बीजेपी पार्षद पर हमले के मामले में उन्हें राजनीतिक कारणों से फंसाया गया है।

इस अवसर पर उन्होंने बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह पर भी परोक्ष प्रहार करते हुए उन्हें आरक्षण आंदोलन के दौरान अगस्त 2015 में जीएमडीसी मैदान पर आंदोलनकारियों पर कथित हमले के परिप्रेक्ष्य में जनरल डायर करार दिया। ज्ञातव्य है कि राजद्रोह के एक मामले में 6 माह तक जमानत की शर्त के अनुरूप गुजरात से हार्दिक के बाहर रहने के दौरान उनका आंदोलन निश्चित तौर पर कमजोर पडा है।

इस दौरान उन पर इस आंदोलन के कोष का ठाट बाट वाला जीवन जीने के लिए दुरूपयोग करने के करीबी साथियों के आरोप और राज्य में  बदल गई राजनीतिक परिस्थितयों का भी खासा असर पडा है।

विमुद्रीकरण के बाद से ही विभिन्न चुनावों में बीजेपी की जीत और हाल में यूपी और उत्तराखंड में बीजेपी की प्रचंड जीत और इसी दौरान पाटीदार समुदाय के भीतर से ही हार्दिक के विरोध की घटनाएं भी आंदोलन को कमजोर करने वाली मानी जा रही हैं।

योगी सरकार ने दी सफाई, कहा केवल अवैध बूचड़खानों पर ही हो रही है कार्रवाई

योगी सरकार ने दी सफाई, कहा केवल अवैध बूचड़खानों पर ही हो रही है कार्रवाई

लखनऊ। उत्तर प्रदेश सरकार ने बूचड़खानों पर कार्रवाई को लेकर पैदा हुई भ्रम की स्थिति पर सोमवार को स्पष्टीकरण देते हुए कहा कि यह कार्रवाई अवैध बूचड़खानों के खिलाफ ही है और जिनके पास लाइसेंस है, उन्हें डरने की जरूरत नहीं है। प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने यहां संवाददाताओंं से कहा कि यह कार्रवाई अवैध बूचड़खानों के खिलाफ ही है।

जिनके पास लाइसेंस है, उन्हें डरने की आवश्यकता नहीं है। उन्हें लाइसेंस के नियम कायदों का पालन करना होगा। उन्होंने कहा कि चिकन, मछली और अंडा विक्रेताओं के खिलाफ कार्रवाई का कोई आदेश नहीं दिया गया है। उन्हें डरने की जरूरत नहीं है। सिंह ने अधिकारियों को ताकीद भी की कि वे अति उत्साह में आकर अपनी हद से आगे बढक़र कार्रवाई ना करें।

उन्होंने कहा कि लाइसेंस की एक शर्त है कि बूचड़खाने में सीसीटीवी कैमरा लगवाएं जाएं। अगर इस शर्त का पालन नहीं किया जा रहा है, तो अधिकारी उस बूचड़खाने को बंद करने का आदेश देने के बजाय उसके मालिक को एक नोटिस दे और सुधार के लिए एक निश्चित समय सीमा तय करे। राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण एनजीटी द्वारा बूचड़खानों को बंद किए जाने का जोर डाले जाने के बारे में सिंह ने कहा कि एनजीटी ने वर्ष 2015 में यह माना था कि अवैध बूचड़खानों से पर्यावरण को नुकसान हो रहा है।

हालांकि पिछली सरकार ने ऐसे बूचड़खानों को बंद करने की दिशा में कोई कदम नहीं उठाया। मालूम हो कि बूचड़खानों पर कार्रवाई के विरोध में प्रदेश के सभी मांस व्यवसाई अनिश्चितकालीन हड़ताल कर रहे हैं।

शोर-शराबे के बीच GST से जुड़े 4 विधेयक लोकसभा में पेश

शोर-शराबे के बीच GST से जुड़े 4 विधेयक लोकसभा में पेश

नई दिल्ली। केन्द्र सरकार ने सोमवार को शोर-शराबे के बीच वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) से जुड़े 4 विधेयक लोकसभा में पेश किए। प्रश्नकाल के बाद दस्तावेज सदन में रखे जाने के बाद लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने जीएसटी से जुड़े विधेयक पेश करने के लिए वित्त मंत्री अरुण जेटली का नाम पुकारा जिस पर विपक्षी सदस्यों ने इसे गलत तरीके से कार्यसूची में शामिल करने का आरोप लगाते हुए हल्ला करने लगे।

कांग्रेस सदस्य केसी वेणुगोपाल ने नियम 72 का हवाला देते हुए कहा कि सरकार ने इसे संशोधित कार्यसूची में भी शामिल नहीं कर सदस्यों को बहस के लिए तैयारी करने का मौका नहीं दिया जो गलत है। अन्य विपक्षी सदस्यों ने भी इस पर हंगामा किया।

महाजन ने कहा कि इन विधेयकों को पेश करने का फैसला शुक्रवार शाम को किया गया था और शनिवार सुबह सभी सदस्यों को इसके बारे में सूचना दे दी गई थी। हालाँकि, शनिवार और रविवार का दिन होने के कारण इसे कार्यसूची में शामिल नहीं किया जा सका।

उन्होंने कहा कि शनिवार को सूचना दे दिए जाने के कारण इसे आज सदन में पेश किया जा सकता है और उन्होंने जेटली को इसकी अनुमति दी है। इसके बाद जेटली ने एक-एक करके एस-जीएसटी, आई-जीएसटी, यूटी-जीएसटी और राज्यों को क्षतिपूर्ति संबंधी विधेयक सदन में पेश किए।

MCD इलेक्शनः केजरीवाल को लगा बड़ा झटका, बवाना से ‘AAP’ के विधायक बीजेपी में शामिल

MCD इलेक्शनः केजरीवाल को लगा बड़ा झटका, बवाना से ‘AAP’ के विधायक बीजेपी में शामिल

दिल्ली में अप्रेल के महीने में एमसीडी चुनाव होने वाले है और दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल इसकों लेकर पूरी तैयारी में है। लेकिन चुनावों से पहले उनकों झटके लग रहे है।

अब केजरीवाल को उनकी ही पार्टी के बवाना से विधायक वेद प्रकाश ने झटका दिया है। विधायक ने सोमवार को पार्टी छोडकर बीजेपी ज्वाईन कर ली है। बता दें कि आप में शामिल होने से पहले वेद प्रकाश बीजेपी के ही नेता थे।

यू माने की वेद प्रकाश की घर वापसी हुई है। दिल्ली भाजपा अध्यक्ष मनोज तिवारी ने उन्हें पार्टी में शामिल कराया है। वेद प्रकाश ने अपने पार्टी छोड़ने का कारण बताया की वो बड़बोले लोगों के बीच में फंस गए हैं।

उन्होंने प्रेस कांफ्रेंस में बताया की केजरीवाल को कुछ लोगों ने घेर लिया है। मैंने अपने वजूद को बचाने के लिए, अपनी सच्चाई को बचाने के लिए उन्हें छोड़ दिया है और में भाजपा शामिल हो गया हूं। 

Ind v/s Aus: 137 रन के मामूली स्कोर पर ढेर हुआ ऑस्ट्रेलिया, भारत को मिला 106 रन का आसान लक्ष्य

Ind v/s Aus: 137 रन के मामूली स्कोर पर ढेर हुआ ऑस्ट्रेलिया, भारत को मिला 106 रन का आसान लक्ष्य

धर्मशाला। भारतीय गेंदबाजों के शानदार प्रदर्शन के सामने ऑस्ट्रेलिया टीम एचपीसीए स्टेडियम में चौथे क्रिकेट टेस्ट के तीसरे दिन अपनी दूसरी पारी में केवल 137 रन पर ही ढेर हो गई। इससे भारत को 106 रन लक्ष्य मिला।

भारत की पारी लंच तक 332 रन पर समेटने के बाद ऑस्ट्रेलिया ने अपनी दूसरी पारी की शुरूआत की थी, लेकिन उसके बल्लेबाज टिककर नहीं खेल सके और और पूरी टीम केवल 137 रन पर ही पवेलियन लौट गई।

भारत की ओर से बल्लेबाजी में हाथ दिखाने वाले रवीन्द्र जडेजा ने गेंदबाजी में कमाल दिखाते हुए तीन विकेट लिए। वहीं तेज गेंदबाज उमेश यादव और आर अश्विन ने भी तीन-तीन विकेट अपने खाते में जमा किए। एक विकेट भुवनेश्वर कुमार ने लिया।ऑस्ट्रेलिया की ओर से मैक्सवेल ने सर्वाधिक 45 रन का योगदान दिया। विकेटकीपर वेड ने नाबाद 25 रन बनाए।

इससे पहले रवींद्र जडेजा (63), लोकेश राहुल (60) और चेतेश्वर पुजारा (57) की शानदार अर्धशतकीय पारियों के माध्यम से भारत ने अपनी पहली पारी में 332 रन बनाकर ऑस्ट्रेलिया पर 32 रन की बढ़त ली थी।

भारत की ओर से कप्तान अजिंक्य रहाणे ने 46, रिद्धिमान साहा ने 31 और रविचंद्रन अश्विन ने भी 30 रन का योगदान दिया था। ऑस्ट्रेलिया की ओर से नाथन लियोन ने पांच और कमिंस ने तीन विकेट लिए। ऑस्ट्रेलिया ने पहली पारी में 300 रन बनाए थे।

सरकारी योजनाओं के लिए आधार अनिवार्य नहीं किया जा सकता-सुप्रीम कोर्ट

सरकारी योजनाओं के लिए आधार अनिवार्य नहीं किया जा सकता-सुप्रीम कोर्टसुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को आधारकार्ड को लेकर एक बार फिर अपनी स्थिति स्पष्ट की है। कोर्ट ने कहा है की सरकार और उसकी एजेंसियां सामाजिक कल्याण योजनाओं का लाभ पाने के लिए आधार कार्ड को अनिवार्य नहीं कर सकती हैं।

मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति जे. एस. खेहर, न्यायमूर्ति डी वाई चन्द्रचूड़ और न्यायमूर्ति एस के कौल की पीठ ने हालांकि यह भी कहा कि सरकार और उसकी एजेंसियों को गैर-कल्याणकारी कार्यों, जैसे कि बैंक खाता खुलवाने में आधार कार्ड मांगने से मना नहीं किया जा सकता।

पीठ ने कहा कि नागरिकों की निजता के अधिकार का उल्लंघन सहित अन्य आधार पर आधार योजना को चुनौती देने संबंधी याचिकाओं पर निणार्यक फैसला देने के लिए सात न्यायाधीशों वाली पीठ के गठन की आवश्यकता होगी।

हालांकि, न्यायालय ने सात न्यायाधीशों वाले पीठ के गठन पर असमर्थतता जताते हुए कहा कि इस पर फैसला बाद में होगा। याचिका दायर करने वालों मे से एक की ओेर से पेश हुए वरिष्ठ वकील श्याम दीवान ने आरोप लगाया कि केन्द्र सरकार सुप्रीम कोर्ट के विभिन्न फैसलों का सम्मान नहीं कर रही है।

शेयर बाजार में गिरावट का दौर, सेंसेक्स 184 अंक लुढक़ा, निफ्टी 9000 पर बंद

शेयर बाजार में गिरावट का दौर, सेंसेक्स 184 अंक लुढक़ा, निफ्टी 9000  पर बंद

मुंबई। घरेलू शेयर बाजार आज काफी गिरावट के साथ कारोबार करता दिखाई दिया। शेयर बाजार में गिरावट से उथल पुथल का दौर रहा। सेंसेक्स तो दिनभर लाल निशान पर कारोबार करता रहा। बंबई स्टॉक एक्सचेंज का प्रमुख इंडेक्स सेंसेक्स 184.25 अंक लुढक़कर 29,237.15 अंक के स्तर पर बंद हुआ। वहीं नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का प्रमुख इंडेक्स निफ्टी 62.80 अंक लुढक़कर 9,045.20 अंक के स्तर पर बंद हुआ।

बंबई शेयर बाजार का सेंसेक्स आज शुरूआती कारोबार में करीब 97 अंक की गिरावट के साथ खुला। वहीं नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी 9,100 अंक के नीचे आ गया। एशियाई के अन्य बाजारों में कमजोर रूख के बीच घरेलू बाजार में हाल की तेजी के बाद निवेशकों की मुनाफावसूली से बाजार में गिरावट आई। तीस शेयरों वाला सेंसेक्स 96.80 अंक या 0.32 प्रतिशत की गिरावट के साथ 29,324.60 अंक पर खुला।

धातु, प्रौद्योगिकी, स्वास्थ्य, तेल एवं गैस, रोजमर्रा के उपयोग का सामान बनाने वाली कंपनियों तथा वाहन क्षेत्र की अगुवाई में यह गिरावट आई। इससे पहले, पिछले दो सत्रों में सेंसेक्स करीब 254 अंक मजबूत हुआ था। एनएसई निफ्टी भी 33.15 अंक या 0.36 प्रतिशत टूटकर 9,100 अंक के नीचे 9,074.85 अंक पर खुला। कारोबारियों के अनुसार हाल की तेजी के बाद निवेशकों की मुनाफावसूली से बाजार में गिरावट आर्ई।

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के स्वास्थ्य संबंधी विधेयक को पारित नहीं करवा पाने के कारण एशिया के अन्य बाजारों में कमजोर रूख से भी बाजार पर असर पड़ा। एशिया में हांगकांग का हैंगसेंग तथ जापान के निक्की में गिरावट दर्ज की गयी। हालांकि शंघाई कंपोजिट इंडेक्स में 0.16 प्रतिशत की तेजी रही। अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया आज शुरूआती कारोबार में 28 पैसे मजबूत होकर 65.13 पर खुला। बैंक तथा निर्यातकों की डालर बिकवाली से रुपए में मजबूती आई।

कारोबारियों के अनुसार निर्यातकों तथा बैंकों द्वारा डॉलर की बिकवाली तथा दुनिया की अन्य प्रमुख मुद्रा की तुलना में डॉलर के कमजोर होने से रुपए की धारणा पर असर पड़ा। हालांकि घरेलू शेयर बाजार में कमजोर शुरूआत से रुपए की तेजी पर अंकुश लगा।

डेरिवेटिव अनुबंधों की समयसीमा की समाप्ति नजदीक आने के बीच शेयर बाजारों में चालू सप्ताह में उतार चढ़ाव देखने को मिल सकता है और निकट अवधि में यह आगे की दिशा के लिए वैश्विक संकेतों से दिशा ग्रहण करेगा।

शेयर बाजार विशेषज्ञों ने यह राय जताई है। ट्रेड स्मार्ट ऑनलाइन के संस्थापक निदेशक विजय सिंघानिया ने कहा कि बाजार लंबे सुगठन के दौर में जाता प्रतीत होता है तथा सभी बाजार उत्प्रेरक पहलुओं को ध्यान में रखते हुए यह तेजी अथवा गिरावट की ओर एक निर्णायक करवट ले सकता है।

उन्होंने कहा कि राजनीतिक मोर्चे पर संसद के बजट सत्र के घटनाक्रम पर निवेशकों की सतर्क नजर रहेगी। आम्रपाली आद्या ट्रेडिंग एंड इंवेस्टमेन्ट्स के निदेशक एवं शोध प्रमुख अबिनाश कुमार सुधांशु ने कहा कि मार्च सीरीज के लिए अनुबंधों की समयसीमा समाप्त होने के कारण बाजार में उतार चढ़ाव देखने को मिल सकता है। सैम्को सिक्योरिटीज के सीईओ जिमित मोदी ने कहा कि वैश्विक शेयर बाजारों के उतार चढ़ाव निकट अवधि में घरेलू शेयर बाजार पर अपना असर डालेंगे।

वाहन कंपनियां मार्च महीने के लिए शनिवार से अपने बिक्री आंकड़ों को जारी करना शुरू करेंगी, जिस पर निवेशकों की निगाह रहेगी। बीते सप्ताह बंबई शेयर बाजार का सेंसेक्स 227.59 अंक या 0.76 प्रतिशत नीचे आया, वहीं नेशनल स्टाक एक्सचेंज का निफ्टी 52.05 अंक या 0.56 प्रतिशत टूट गया। तीन सप्ताह में यह सेेंसेक्स व निफ्टी की पहली साप्ताहिक गिरावट रही।

राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की बेटी इवांका वुमेंस इकोनोमिक समिट ले सकती है हिस्साराष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की बेटी इवांका वुमेंस इकोनोमिक समिट ले सकती है हिस्सा

राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की बेटी इवांका ट्रंप महिलाओं के आर्थिक सशक्तिकरण के विषय पर जर्मनी में आयोजित होने वाले शिखर सम्मेलन का हिस्सा हो सकती है।

प्रशासन के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि इवांका को इस सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए जर्मनी की चांसलर एंजेला मार्केल ने व्हाइट हाउस के अपने दौरे के दौरान आमंत्रित किया था।

इवांका ट्रंप 20 देशों के समूह वाले डब्ल्यू20 शिखर सम्मेलन के महिला केंद्रित प्रयासों में शामिल होने की योजना बना रही हैं। यह सम्मेलन अप्रैल के अंत में बर्लिन में आयोजित होगा। 

आपको बता दें कि अमरीकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की बेटी इवांका ट्रंप को व्हाइट हाउस में ऑफिस दिया गया है। 

अक्षय के साथ एक्शन करना काफी डराने वाला अनुभव रहा : तापसी

अक्षय के साथ एक्शन करना काफी डराने वाला अनुभव रहा : तापसी

मुंबई। अभिनेत्री तापसी पन्नू का कहना है कि अक्षय कुमार के साथ कोई एक्शन प्रधान फिल्म करना उनके लिये काफी डराने वाला अनुभव रहा, क्योंकि अभिनेता अपनी इस खास विधा में पारंगत हैं। तापसी ‘नाम शबाना’ में मुख्य भूमिका निभाती दिखेंगी। फिल्म में अक्षय कुमार भी मेहमान भूमिका में नजर आयेंगे।

उन्होंने कहा कि मुझे प्रशिक्षित करने के लिये अक्षय ने ही प्रशिक्षक भेजे थे। प्रशिक्षण के दौरान अक्षय वहां मौजूद नहीं थे इसलिए मैं यह नहीं जानती कि जमीनी तौर पर वह कैसे हैं।

तापसी ने कहा,‘‘लेकिन उन्होंने उम्मीदों का पैमाना काफी उंचा स्थापित कर दिया है और अगर अक्षय किसी एक्शन प्रधान फिल्म का हिस्सा हों तो ऐसे में उस फिल्म में एक्शन दृश्य करना काफी डराने वाला होता है क्योंकि जाहिर तौर पर एक्शन को लेकर लोगों की उम्मीदें बढ़ जाती हैं।’’

उन्होंने कहा कि शिवम नायर निर्देशित फिल्म निश्चित रूप से एक चुनौती थी लेकिन उनके प्रशिक्षण ने ऐसे एक्शन दृश्यों को करने में उनकी काफी मदद की। अक्षय के साथ तापसी की यह दूसरी फिल्म है, इससे पहले उन्होंने ‘बेबी’ में उनके साथ काम किया था।

अभिनेत्री ने कहा, ‘‘वह बहुत शांत व्यक्ति हैं। ऐसे शख्स से मैं अब तक नहीं मिली। वह कभी गुस्सा नहीं करते। पर्दे पर एक एक्शन स्टार की अपनी छवि के विपरीत वह बेहद शांत हैं। पर्दे पर निभाये उनके किरदारों और उनमें जो समानता है वह है उनका मजाकिया अंदाज।’’

नीरज पांडे निर्मित यह फिल्म वर्ष 2015 की फिल्म ‘बेबी’ की ही अन्य कड़ी है। फिल्म में तापसी शबाना की भूमिका निभा रही हैं। मनोज वाजपेयी, अनुपम खेर और पृथ्वीराज सुकुमारन सहयोगी भूमिकाओं में हैं। फिल्म 31 मार्च को रिलीज होगी।

 

 



 
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