नोटबंदी के कई तरह के असर पड़े हैं और कालाधन जमा कर रखने वालों के लिए मुसीबत बढ़ गई है। ऐसे में अवैध तरह से उगाही करने वाले नक्सलियों को पैसे की फिक्र बहुत सता रही है। वे कई तरह के तिगड़म में लगे हैं।
यहां तक कि गांव वालों को डरा धमका कर उनके जनधन खातों में पैसे जमा करा रहे हैं। बिहार के 38 में से 21 जिले घोर नक्सल प्रभावित हैं, जबकि, झारखंड में पूरा राज्य ही नक्सल प्रभावित है। बिहार ढाई करोड़ से ज्यादा जनधन खाते खुले हैं. इसके साथ ही एक आंकड़े के अनुसार 6 सौ से एक हजार करोड़ का उगाही का कारोबार नक्सली संगठन करते हैं।
वे पैसों को जमीन के गाड़ कर रखते हैं क्योंकि, जंगल में वे लगातार जगह बदलते रहते हैं और पैसे लेकर नहीं चल सकते। इसके साथ ही झारखंड में कई स्थानों पर नक्सलियों की गिरफ्तारी के साथ ही उनके पास कैश बरामद किए गए हैं। कई ऐसे मामले भी सामने आए हैं जब नक्सलियों ने कारोबारियों को अपना कालाधन दिया था ताकि वे उसे खातों में डालकर स$फेद बना सकें।
पुलिस का कहना है कि इन जनधन खातों पर नजर रखी जा रही है। इसके साथ ही पुलिस ने यह भी कहा है कि कई बैंक खातों में 49 हजार रुपए जमा हुए हैं7 चूंकि, 49 हजार तक जमा करने पर पैन कार्ड नहीं लगता है इसलिए ऐसा किया जा रहा है। अधिकारियों के अनुसार उनकी नजर ऐसे खातों पर ही ताकि आपराधिक तत्व अपनी दहशत का लाभ उठाकर मजबूर लोगों के खातों का फायदा न उठा सकें।