जम्मू-कश्मीर में देश की सबसे लंबी रोड टनल बनकर तैयार है। इसका उद्घाटन 2 अप्रैल को देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करेंगे। इस टनल के शुरू होने से जम्मू-श्रीनगर की दूरी 30 किलोमीटर घट जाएगी। ये टनल चेनाई से नाशरी के बीच जम्मू-कश्मीर नेशनल हाईवे पर बनाई गई है।
टनल का उद्घाटन करने के बाद प्रधानमंत्री मोदी एक रैली को भी संबोधित करेंगे। ये ट्विन ट्यूब टनल है जो 9.2 किलोमीटर लंबी है। जम्मू-कश्मीर हाईवे पर बने 286 किलोमीटर लंबे फोर लेन हाईवे पर इस टनल के शुरू होने से ट्रैफिक का दबाव कम होगा।
इस टनल के निर्माण में 3720 करोड़ रुपए का खर्चा हुआ है। इस टनल में कई खूबियां भी हैं। अगर मुख्य सुरंग में किसी तरह की दिक्कत आती है तो इमरजेंसी के लिए इसके साथ ही एक और सुंरग बनाई गई है।
इस टनल में फायर कंट्रोल, वेंटिलेशन, सिग्नल, कम्युनिकेशन और ऑटोमैटिक इलेक्ट्रिकल सिस्टम लगाए गए हैं। पूरी टनल को एक कंट्रोल रूम से मॉनिटर किया जाएगा। सुरंग में हर 75 मीटर पर हाई रिजोल्यूशन के टोटल 124 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं।
इसकी सिक्योरिटी बहुत जबरदस्त है, पूरी सुरंग में हर 300 मीटर पर क्रॉस पैसेज बनाए गए हैं। पूरी सुरंग में ऐसे 29 क्रॉस पैसेज हैं। इसमें फाइबर ऑप्टिक्स और इलेक्ट्रिक वायर की अंडरग्राउंड केबलिंग भी की गई है।
प्रोजेक्ट डायरेक्टर जेएस राठौर के मुताबिक ''टनल का पहला ट्रायल रन 9 और 15 मार्च को हो चुका है। इनॉगरेशन के बाद सुरंग छोटी गाड़ियों के लिए खोल दी जाएगी। इससे बर्फबारी और एवलॉन्च के दौरान नेशनल हाईवे-1A पर ट्रैफिक ठप नहीं होगा। हर दिन 27 लाख रुपए के फ्लूल की बचत होगी।
इस टनल के विरोध में अलगाववादी शुरू से ही थे। अलगाववादी कभी नहीं चाहते थे की कश्मीर में ये टनल बने और यहा विकास का एक नया किर्तीमान स्थापित हो। इस टनल के बनने से यहा के लोगों में केंद्र सरकार के विकास कार्यों को लेकर एक नई सोच पैदा होगी।
यह टनल जब से बनना शुरू हुआ था तब से ही यह आतंकियों के निशाने पर था। इस टनल की सुरक्षा को लेकर सेना की एक टुकड़ी विशेष तौर पर यहा मौजूद रहती थी। इस टनल के अंदर सिक्योरिटी फिचर बहुत जबरदस्त लगाए गए है।