नई दिल्ली। नए वित्तीय वर्ष यानि 1 अप्रैल से देश में कई नियमों में महत्वपूर्ण बदलाव किया जाएगा। जहां एक ओर रेलवे में आरक्षण की नई प्रणाली विकल्प लागू होगा तो वहीं दूसरी ओर देश के सबसे बड़े बैंक एसबीआई में भी कुछ नियमों को बदला जाएगा। उधर गाडिय़ों को लेकर भी नए नियम बनाएं गए है साथ ही कैश लिमिट भी निर्धारित की गई है। तो आइए आपकों बताते है कि 1 अप्रैल से कौन-कौन से नियमों में बदलाव किया जाएगा।
रेलवे आरक्षण विकल्प प्रणाली को 6 महीने तक पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर चलाने के बाद रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने इसे देश भर में लागू करने की घोषणा की है। शुरुआत में यह स्कीम सिर्फ ई-टिकट की बुकिंग प्रक्रिया पर ही लागू होगी। इस स्कीम की शर्त यह है कि अगर यात्री को विकल्प के तौर पर दी गई ट्रेन में सफर नहीं करना है तो टिकट कैंसिल भी कराया जा सकेगा, लेकिन यह कन्फर्म टिकट को कैंसिल करना ही माना जाएगा।
स्कीम के तहत ऐसा भी हो सकता है कि यात्री ने राजधानी या शताब्दी एक्सप्रेस ट्रेन का टिकट लिया हो लेकिन सफर मेल/एक्सप्रेस ट्रेन में करना पड़े। साथ ही मेल/एक्सप्रेस ट्रेन के टिकट वाले यात्रियों को राजधानी में भी सफर करने का मौका मिल सकता है। हालांकि नियम के मुताबिक, ना तो राजधानी टिकट वालों को मेल/एक्सप्रेस ट्रेन में सफर करने पर रिफंड दिया जाएगा और ना ही मेल/एक्सप्रेस ट्रेन टिकट वालों से राजधानी में सफर करने पर अतिरिक्त चार्ज वसूला जाएगा।
विकल्प स्कीम को लागू करने के पीछे की वजह है कि इससे रेलवे को टिकट रिफंड कम करना पड़ेगा जो सीधे तौर पर रेलवे के लिए फायदेमंद साबित होगा। वहीं एक अप्रैल से एसबीआई के कैश और एटीएम ट्रांजेक्शन नियम भी बदलने वाले हैं। अब सिर्फ 3 बार फ्री डिपॉजिट आपके अकाउंट में हो सकेगा। इसके बाद हर डिपॉजिट पर 50 रुपए लगेंगे वहीं खाते में कम से कम 1000 रुपए रखना अनिवार्य होगा।
5 फ्री ट्रांजेक्शन के बाद 10 रुपए प्रति ट्रांजेक्शन देना होगा। अगर आपके सेविंग्स अकाउंट में 25,000 रुपए से ज्यादा है तो इनमें से कोई भी नियम लागू नहीं होगा। हर तीन महीने में15 रुपए एसएमएस चार्ज लिया जाएगा। इसके साथ ही 1 अप्रैल 2017 से नए एमिशन नॉम्र्स भी लागू हो जाएंगे। ये फैसला 2015 में लिया गया था। इसके तहत सभी ऑटोमोबाइल कंपनियों को बीएस-4 इंजन वाली गाडिय़ा (टू-व्हीलर और फोर-व्हीलर) बेचनी होंगी।
इसके तहत पुराने मॉडल की एक्टिवा जैसी स्कूटर, पल्सर जैसी बाइक आदि के खरीदने और रजिस्ट्रेशन पर रोक लग जाएगी, तो अब अगर आप कोई नई गाड़ी खरीदने का सोच रहे हैं तो मॉडल और इंजन की जानकारी जरूर ले लें। बता दें कि बजट 2017 के दौरान जेटली ने कैश ट्रांजेक्शन लिमिट 2 लाख तक करने की बात कही थी फिलहाल ये 3 लाख है।
अगर बदलावों को संसद की मंजूरी मिल जाती है तो पेनल्टी की रकम उतनी ही होगी, जितनी एक्स्ट्रा रकम कैश में ली गई है। यानी अगर किसी ने 5 लाख रुपए कैश में लिए हैं तो उसे 3 लाख रुपए की पेनल्टी देनी पड़ सकती है। अगर ये नियम लागू होता है तो शादी, पार्टी, जमीन की खरीदारी, गहनों की खरीदारी आदि पर एक दिन में 2 लाख से ज्यादा का कैश ट्रांजेक्शन नहीं किया जा सकेगा।