नई दिल्ली। अमेरिका में भारतीय समुदाय के लोगों पर हिंसक हमलों को लेकर सरकार ने बुधवार को कहा कि इन घटनाओं पर अमेरिकी सरकार एवं समाज में हुई प्रतिक्रिया से स्पष्ट है कि ऐसी अलग अलग घटनाओं से वहां के सामाजिक मूल्यों में बदलाव नहीं आया है। सरकार ने प्रवासी भारतीयों की रक्षा के लिए कोई प्रयास नहीं करने के आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया और कहा कि संकटग्रस्त प्रवासियों की मदद के लिए सरकार कभी भी चुप्पी नहीं साधेगी।
विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने आज लोकसभा में अमेरिका में हुई घटनाओं पर एक बयान दिया। स्वराज ने कहा कि गत तीन सप्ताह में भारतीय मूल के लोगों पर हमलों की तीन घटनाएं सामने आईं हैं। 22 फरवरी को कन्सास के उपनगर ओलेथ में भारतीय इंजीनियर श्रीनिवास कुचिभोतला की हत्या कर दी गई। इस घटना में एक अन्य आलोक मदासानी तथा उन्हें बचाने के प्रयास में अमेरिकी नागरिक ईयान ग्रीलॉट घायल हुए हैं। दूसरी घटना में दो मार्च को हर्निश पटेल को लंकास्टर साउथ कैरोलीना में गोली मारी गई।
हालांकि शैरिफ एवं परिवार वालों के मुताबिक ये डकैती की घटना थी जिसने गलत मोड़ ले लिया। लेकिन यह भी जांच की जा रही है कि कहीं यह नस्लभेद प्रेरित घटना तो नहीं है। तीसरी घटना चार मार्च की है जब वाशिंगटन स्टेट के सिएटल में अमेरिकी नागरिक दीप राय को गोली मार दी गई। हालांकि अपराधी अभी पकड़ा नहीं जा सका है लेकिन राय सुरक्षित एवं खतरे के बाहर हैं। इस घटना की एफबीआई जांच कर रही है।
विदेश मंत्री ने कहा कि तीनों मामलों में सरकार ने अपने राजदूतावासों एवं कोंसुलावासों के माध्यम से प्रभावित लोगों तथा उनके परिजनों को हरसंभव सहायता देने के लिए उनसे तत्काल संपर्क किया। विदेश सचिव ने भी हाल में हुई अमेरिका यात्रा में उच्च स्तर पर इस समस्या पर अपनी चिंता व्यक्त की है और भारतीय मूल के लोगों को पूरी सुरक्षा मुहैया कराने का आग्रह किया है।
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप, कंसास के गवर्नर सैम ब्राउनबैक, अमेरिकी होमलैण्ड सिक्योरिटी के मंत्री जॉन कैली ने घृणा जनित हिंसा की कड़ी निंदा की है तथा उन्होंने वचन दिया है कि अमेरिका सरकार उन विदेशी सरकारों के साथ मिलकर काम करेगा जिनके नागरिक हिंसा का शिकार हुए हैं। स्वराज ने कहा कि यह तथ्य है कि अमेरिकी समाज के सभी तबकों ने इन घटनाओं पर गहरा शोक एवं खेद व्यक्त किया है।
यह बात हमें पुन: आश्वस्त करती है कि अलग अलग घटनाओं के बावजूद अमेरिका का समाज पूर्ववत दोनों देशों के लोगों के परस्पर संपर्क को महत्व देता है। उन्होंने कहा कि इन घटनाओं पर अमेरिका में चारों ओर से संवेदना एवं समर्थन के व्यापक संदेशों ने हमें आत्मविश्वास दिलाया है कि ये कुछ मु_ीभर लोगों से जुड़ी घटनाएं हैं और ये समूचे अमेरिका के नागरिकों की भारत के प्रति वास्तविक संवेदना को नहीं दर्शातीं हैं।
अमेरिका सरकार द्वारा अपने नागरिकों को भारत यात्रा से बचने संबंधी परामर्शी जारी किए जाने पर उन्होंने कहा कि वर्तमान में भारत के लिए कोई यात्रा परामर्शी लागू नहीं है। बयान पढऩे के बाद स्वराज ने प्रवासी भारतीयों की मदद के लिए सरकार पर चुप्पी साधने के भर्तृहरि मेहताब और मल्लिकार्जुन खडग़े के आरोपों का जवाब देते हुए श्रीनिवास कुचिभोतला की पत्नी सुनयना द्वारा भारतीय राजनयिकों को लिखे गए पत्र और दीपराय के पिता के साथ टेलीफोन वार्तालाप का विवरण दिया और कहा कि जिन परिवारों ने नुकसान सहा है।
वे तक नहीं मानते कि सरकार चुप्पी साधे रही तो फिर इस प्रकार की बातें क्यों उठायीं जा रहीं हैं। सरकार की हमेशा कोशिश होती है कि 24 घंटे के अंदर पीडि़त को वांछित मदद मिल जाएं। उन्होंने जोर देकर कहा कि सरकार ने ना कभी चुप्पी साधी थी और ना साधेगी। प्रवासी भारतीयों की मदद के लिए जो कुछ भी संभव होगा उससे बढक़र मदद करेगी।