नई दिल्ली। पुराने बड़े नोटों का चलन बंद करने के बाद उत्पन्न हालात के चलते आज तीसरे दिन भी देश भर में अफरातफरी रही क्योंकि सप्ताहांत की वजह से बैंकों में भारी भीड़ एकत्र हुई। केरल में एक बैंक का शीशे का दरवाजा तोड़ दिया गया जबकि गुजरात में बैंक अधिकारियों के साथ झड़प हो जाने के बाद पुलिस को कार्रवाई करनी पड़ी।
वैध नोट पाने के लिए अंतहीन इंतजार से कई लोगों की सेहत बिगड़ गयी। कई वृद्ध लोगों के थकान के कारण मूर्छित हो जाने की खबर है।
बैंक शाखाओं के बाहर सुरक्षा कड़ी कर दी गयी है, क्योंकि रोजाना का सामान खरीदने के लिए लाखों लोगों को 500 और 1000 रपये के नोटों को बदलवाने के लिए घंटों इंतजार करना पड़ा। एटीएम में पैसा डालने के शीघ्र बाद ही भारी भीड़ की वजह से पैसे खत्म हो गए।
दिल्ली में एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा, ‘‘भीड़ बहुत अधिक है क्योंकि यह सप्ताहांत था और कई लोगों का आज अवकाश था। घंटे घंटे में भीड़ बढ़ती गयी । ’’
मध्यप्रदेश में छत्तरपुर के बरदाहा गांव में नकद की कमी के चलते उचित दर की दुकान पर राशन नहीं मिलने से नाराज लोगों ने सामान लूट लिया। पुलिस ने दावा किया कि ऐसी कोई घटना नहीं घटी।
कई एटीएमों के काम नहीं करने के कारण लोगों की परेशानियां तो और बढ़ गयीं।
केरल में कोल्लाम जिले के वय्याकाम में स्टेट बैंक ऑफ त्रावणकोर की एक शाखा पर इंतजार कर रहे लोगों ने गुस्से में शीशे का दरवाजा कथित रूप से तोड़ दिया। बैंक ने भारी भीड़ के चलते बैंक बंद करने का फैसला किया था।
गुजरात में कई स्थानों पर लोगों का बैंक अधिकारियों के साथ झगड़ा हो गया जिसके बाद पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा एवं कुछ लोग हिरासत में भी लिए गए। बनासकांठा के सिहोरी में एक बैंक शाखा पर जब बैंक अधिकारियों ने पैसा देने से मना कर दिया तब लोग उनसे वाद विवाद करने लग गए। पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा। कच्छ के अबदासा से भी ऐसी घटना होने की खबर है।
राष्ट्रीय राजधानी में दिल्ली पुलिस ने शांति बनाए रखने के लिए और ज्यादा बलों की तैनाती की तथा सोशल मीडिया पर अफवाहें फैलाने वालों को कड़ी कार्रवाई की चेतावनी दी।
बेचैन भीड़ का प्रबंधन करने के लिए एटीएमों पर अर्धसैनिक बल एवं दिल्ली पुलिस के 3400 कर्मी एवं 200 त्वरित कार्रवाई टीमें तैनात की गयीं।
लोगों ने कई एटीएमों के बंद रहने पर मुश्किलें आने की शिकायत की । उनकी यह भी शिकायत थी कि बंद कर दिए गए 500 और 1000 रपये के पुराने नोटों के स्थान पर सिक्के एवं छोटे नोट दिए जा रहे थे।