नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने योग को स्कूल पाठ्यक्रम का हिस्सा बनाने के लिए निर्देश देने की मांग करने वाली एक जनहित याचिका पर सुनवाई से इनकार करते हुए आज कहा कि वह किसी पर योग को थोप नहीं सकता और न ही उसे अपने पाठ्यक्रम में शामिल करने के लिए कह सकता है।
मुख्य न्यायाधीश टी एस ठाकुर, न्यायमूर्ति डीवाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति एल नागेश्वर राव ने जनहित याचिका को खारिज करते हुए याचिकाकर्ता से शीर्ष अदालत की एक अन्य पीठ के समक्ष ऐसे ही मामले में हो रही सुनवाई से खुद को जोडऩे के लिए कहा। पीठ ने याचिकाकर्ता से कहा कि वह जाए और लोगों को योग करने के लिए प्रेरित करे। ।
याचिकाकर्ता अश्विनी उपाध्याय ने शीर्ष अदालत से पहली से आठवीं कक्षा के छात्रों के लिए योग और स्वास्थ्य शिक्षा पर मानक पुस्तकें उपलब्ध कराने के लिए मानव संसाधन विकास मंत्रालय, केन्द्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड और राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद को निर्देश देने की मांग की थी।