लखनऊ। इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ खंडपीठ ने डेंगू, मलेरिया मामले में महानिदेशक चिकित्सा स्वास्थ्य से कहा है कि सरकारी अस्पतालों समेत अन्य निजी अस्पतालों में भी प्राथमिक दवाओं की उपलब्धता के लिए जिलों के मुख्य चिकित्सा अधिकारियो को जिम्मेदारी सौपें।
उच्च न्यायालय ने कहा है प्राथमिक उपचार के लिए दवाएं और डॉक्टर हर हालत में अस्पतालों में मौजूद रहें।
अदालत ने ग्रामीण क्षेत्रों के सरकारी अस्पतालों में भी डॉक्टरों व दवाओं की उपलब्धता के निर्देश दिए हैं। कहा है कि महामारी के लिए प्राथमिक उपचार की पूरी व्यवस्था होनी चाहिए। न्यायमूर्ति अमरेश्वर प्रताप शाही और न्यायमूर्ति देवेंद्र कुमार उपाध्याय की खंड पीठ ने आज एक जनहित याचिका पर यह आदेश दिए।
सुनवाई के समय याची की ओर से कहा गया कि डेंगू मलेरिया समेत अन्य खतरनाक बीमारियों के लिए पूरी तरह से सुविधाएं और दवाएँ उपलब्ध नहीं हैं। न्यायालय ने कहा कि जिले स्तर पर मुख्य चिकित्साधिकारी(सीएमओ) की यह जिम्मेदारी होगी कि वह प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों, सरकारी अस्पतालों पर वैक्सीन, दवाओं आदि की उपलब्धता सुनिश्चित कराए।
यह भी कहा कि प्राथमिक इलाज के लिए वैक्सीन एवं टीके आदि की भी व्यवस्था की जाये। अदालत ने मामले की अगली सुनवाई के लिए 13 जनवरी नियत की है।