इतिहास के 112 सालों में पहली बार बंद रही मशहूर 'टुंडे-कबाबी' की दुकान

Samachar Jagat | Friday, 24 Mar 2017 08:03:08 AM
The famous Tunda Kababi shop closed for the first time in 112 years of history

लखनऊ। उत्तर प्रदेश में योगी सरकार आने के बाद अवैध बूचडख़ानों पर जो एक्सन लिया गया है उसकी वजह से लखनऊ की प्रसिद्ध 'टुंडे कबाबी' दुकान 110 सालों में पहली बार बुधवार को बंद रही। इसके चलते मीट और बीफ की सप्लाई में जबरदस्त गिरावट आई है। 

माल खत्म होने के कारण बंद हुई दुकान की वजह से इस दुकान के कबाब पसंद करने वालों को मायूसी हाथ लगी। हालांकि कुछ समय के बाद दुकान फिर से खुल गई।

टुंडे कबाबी के मालिक रईस अहमद ने गुरुवार को कहा, 'बूचडख़ाने बंद होने की वजह से मटन और भैंसे के मीट की जबरदस्त गिरावट आई है, जिसकी वजह से मेरी दुकान पर अब सिर्फ चिकन ही बिक रहा है।' 

हालांकि लखनऊ की इस मशहूर दुकान के मालिक ने यह भी कहा कि अवैध बूचडख़ानों को बंद करने का मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का फैसला बहुत अच्छा है, लेकिन उन्होंने सीएम से अनुरोध किया कि वह लीगल और लाइसेंस वाले बूचडख़ानों पर पाबंदी न लगाएं।

जहां तक टुंडे कबाब के इतिहास की बात है तो इसकी शुरुआत 1905 में लखनऊ के अकबरी गेट इलाके में मुराद अली ने शुरू की थी। पीढ़ी दर पीढ़ी ये परंपरा लोगों को टुंडे कबाब का जायका देती आ रही है। रईस अहमद बताते हैं कि टुंडे कबाब के खास जायके के पीछे मसालों का सीक्रेट है। कितनी मात्रा में कौन सा मसाला मिलाना है, यही टुंडे कबाब को खास बनाता है।



 

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