तसलीमा ने कहा- "भारत में मिलती है अभिव्यक्ति की पूरी आजादी"

Samachar Jagat | Sunday, 20 Nov 2016 09:25:39 PM
taslima nasrin says i have nothing else but india

वर्षो से भारत में रहकर अज्ञातवास झेल रहीं बांग्लादेश की लेखिका तसलीमा नसरीन ने पड़ोसी देशों को नसीहत दी है कि वह भारत से सीखें कि अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का कैसे सम्मान किया जाता है। उन्होंने यह भाव अपनी यादों पर आधारित पुस्तक 'एक्साइल' में व्यक्त किए हैं। यह उन पर पूर्व प्रकाशित पुस्तक 'निर्बासन' का अंग्रेजी अनुवाद है।

बांग्ला में यह पुस्तक महाराज्ञा चक्रवर्ती ने लिखी है और उसका प्रकाशन पेंगुइन रैंडम हाउस ने किया है। 'एक्साइल' में तसलीमा ने पश्चिम बंगाल से बाहर रहने के अपने सात महीने के अनुभवों के बारे में लिखा है। बताया है कि किस तरह से वह राजस्थान और भारत के अन्य भागों में सरकारी सुरक्षा वाले घरों में नजरबंदी के हालात में रहीं। तसलीमा को कट्टरपंथियों की धमकी के चलते बांग्लादेश से बाहर रहना पड़ रहा है।

तसलीमा के अनुसार भारत को छोड़ने के लिए आए कई दबावों के बावजूद वह यहां बनी हुई हैं। अकेली हैं और निर्वासित हैं। इसके बावजूद वह भारत में रहना चाहती हैं। क्योंकि यहां पर वो सब बोलने की आजादी है जो वह चाहती हैं। यहां पर रहकर वह सही मायनों में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को महसूस कर पाईं। इससे पड़ोसी देशों को सबक लेना चाहिए।



 

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