चेन्नई। तमिलनाडु की मुख्यमंत्री जे जयललिता का सोमवार रात यहां एक निजी अस्पताल में निधन हो गया। वह गत 22 सितंबर से अपोलो अस्पताल में भर्ती थीं और रविवार रात दिल का दौरा पडऩे के बाद जिंदगी और मौत के बीच संघर्ष करते हुए आखिरकार उन्होंने दम तोड़ दिया।
जयललिता राज्य की एक लोकप्रिय नेता थीं, जिन्होंने अपने लोकलुभावन कार्यक्रमों से गरीबों का दिल जीता और पिछले तीन दशक से प्रदेश की राजनीति में एक ध्रुव थीं।
अपोलो अस्पताल ने एक वक्तव्य में बताया कि जयललिता का सोमवार रात साढ़े ग्यारह बजे निधन हो गया। उन्हें रविवार की शाम गंभीर दिल का दौरा पड़ा था।
उनकी मृत्यु की घोषणा के बीच पार्टी मुख्यालय पर अन्नाद्रमुक विधायकों की जयललिता के उत्तराधिकारी को चुनने के लिए बैठक चल रही थी। ऐसी अटकलें हैं कि जयललिता के वफादार ओ पन्नीरसेल्वम उनकी जगह लेंगे।
छह महीने से अधिक समय पहले ही राज्य विधानसभा के चुनाव में अन्नाद्रमुक को ऐतिहासिक जीत दिलाने वाली जयललिता गत 22 सितंबर को बुखार और निर्जलीकरण की शिकायत के बाद अपोलो अस्पताल में भर्ती कराई गई थीं लेकिन वह उससे कभी उबर नहीं पाईं।
अभिनेत्री से नेता बनीं जयललिता 1980 के दशक की शुरुआत में अन्नाद्रमुक की प्रचार सचिव नियुक्त हुईं और एमजीआर सरकार में उन्हें अपराह्न भोजन योजना का प्रभारी बनाया गया। उन्होंने बाद में अपने मार्गदर्शक दिवंगत एमजीआर की विरासत को संभाला।
ब्राह्मण परिवार में जन्मीं जयललिता राज्य की कद्दावर नेता के तौर पर उभरीं, जहां सामाजिक न्याय की शक्तियों ने स्वतंत्रता से भी पहले ब्राह्मण विरोधी आंदोलन शुरू किया था।
उन्होंने राजनीति अपनी शर्तों पर की और पिछले तकरीबन 30 वर्षों से प्रदेश की राजनीति के दो ध्रुवों में से एक थीं और एम करुणानिधि नीत द्रमुक से मोर्चा लेती रहीं।
इससे कुछ घंटे पहले शाम को अस्पताल ने टेलीविजन चैनलों पर दिखाई जा रही उन खबरों को ‘‘बेबुनियाद और झूठा’’ बताकर खारिज कर दिया था जिसमें कहा गया था कि जयललिता का निधन हो गया है।
अपोलो अस्पताल ने एक बयान में कहा कि अवर्णननीय दु:ख के साथ हम अपनी प्रतिष्ठित सम्मानीय तमिलनाडु की मुख्यमंत्री पुरात्ची थालाइवी अम्मा के सोमवार रात ग्यारह बजकर 30 मिनट पर दु:खद निधन की घोषणा करते हैं।
अस्पताल ने अपनी विज्ञप्ति में कहा कि हमारी सम्मानित मुख्यमंत्री सेल्वी जे जयललिता को 22 सितंबर को बुखार और निर्जलीकरण की शिकायतों के साथ अस्पताल में भर्ती कराया गया था। माननीय मुख्यमंत्री पर क्रिटिकल केयर यूनिट में मल्टी डिसिप्लिनरी केयर का असर हुआ और वह काफी हद तक उबर गई थीं और मुंह से खाना लेने में समक्ष हो गई थीं।
विज्ञप्ति में कहा गया है, ‘‘उस आधार पर माननीय मुख्यमंत्री को एडवांस्ड क्रिटिकल केयर यूनिट से हाई डिपेंडेंसी यूनिट में स्थानांतरित किया गया, जहां हमारे विशेषज्ञ चिकित्सकों की करीबी निगरानी में उनके स्वास्थ्य और महत्वपूर्ण अंगों के कामकाज में सुधार जारी था।
विज्ञप्ति में कहा गया है कि दुर्भाग्य से मुख्यमंत्री को चार दिसंबर की शाम को गंभीर दिल का दौरा पड़ा, जब उनके कमरे में इंटेसिविस्ट थे। मुख्यमंत्री को तत्काल एक घंटे के भीतर सीपीआर और ईसीएमओ मदद प्रदान किया गया।
विज्ञप्ति में कहा गया है कि ईसीएमओ फिलहाल अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सबसे आधुनिक उपचार उपलब्ध है। उन्हें जीवित रखने के लिए हर संभव क्लिनिकल प्रयास किये गए। हालांकि, हमारे सर्वश्रेष्ठ प्रयासों के बावजूद मुख्यमंत्री की स्थिति ने उन्हें उबरने से अक्षम बना दिया और उनका सोमवार की रात साढ़े 11 बजे निधन हो गया।
पांच बार तमिलनाडु की मुख्यमंत्री रहीं जयललिता ने कई सामाजिक क्षेत्र की योजनाएं शुरू की जिसमें कन्या भ्रूण हत्या की समस्या से निपटने के लिए ‘क्रैडल टू बेबी स्कीम’, बच्चियों को जन्म देने वाली महिलाओं को मुफ्त सोने का सिक्का देने जैसी योजनाएं प्रमुख थीं।
उन्होंने ‘अम्मा ब्रांड’ के तहत कई लोक कल्याणकारी योजनाएं भी शुरू की। उन्हें लोग प्रेम से ‘अम्मा’ कहकर पुकारते थे। इन योजनाओं में शहरी गरीबों के लिए कम कीमत पर भोजन उपलब्ध कराने के लिए ‘अम्मा कैंटीन’ प्रमुख है। इसी तरह गरीबों के लिए उन्होंने ‘अम्मा साल्ट’, ‘अम्मा वाटर’ और ‘अम्मा मेडिसीन’ योजनाएं भी शुरू कीं।
जयललिता ने राज्य में ऑटोमोबाइल और आईटी जैसे क्षेत्रों में विदेश से निवेश भी आकर्षित किया।
राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी, उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी, गृह मंत्री राजनाथ सिंह समेत कई फिल्म जगत की शख्सियतों ने भी उनके निधन पर शोक प्रकट किया।
जयललिता के साथ अच्छे राजनैतिक संबंध साझा करने वाले प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि वह उनके निधन से बेहद दु:खी हैं और इसने भारतीय राजनीति में ‘भारी रिक्ति’ पैदा की है।
उन्होंने कहा कि मैं हमेशा उन अनगिनत अवसरों को संजोकर रखूंगा जब मुझे जयललिताजी से संवाद करने का अवसर मिला। उनकी आत्मा को शांति मिले।