नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने निलंबित आईपीएस अधिकारी एन राजामर्थंडन की जमानत याचिका पर असम सरकार से जवाब मांगा है। राजामर्थंडन पर आरटीआई कानून के नियमों की अवहेलना करके एक सामाजिक-राजनीतिक संगठन के एक सदस्य को सूचना उपलब्ध कराने का आरोप है। न्यायमूर्ति एम एम शांतनगुदार और न्यायमूर्ति दीपक गुुप्ता ने राज्य सरकार को नोटिस जारी किया और इस मामले पर अगली सुनवाई के लिए 19 जून की तारीख तय की।
राजामर्थंडन की तरफ से पेश हुए वरिष्ठ वकील नित्य रामकृष्णन ने कहा कि यह याचिका उनकी जमानत खारिज करने वाले गुवाहाटी उच्च न्यायालय के 15 मई के आदेश के खिलाफ है।
अपनी याचिका में राजामर्थंडन ने कहा कि एक स्थानीय मामले में एसआईटी जांच की प्रगति रिपोर्ट के बारे में सूचना का अधिकार कानून, 2005 के तहत खुलासे से यह मामला उठा है। 2006 बैच के आईपीएस अधिकारी ने कहा कि उनके खिलाफ कोई भी अपराध प्रथम दृष्टया साबित नहीं होता है और यह अपराध जमानती है।