एसवाईएल पर पंजाब को सुप्रीम कोर्ट का झटका, अमरिंदर सिंह ने दिया इस्तीफा

Samachar Jagat | Thursday, 10 Nov 2016 04:31:35 PM
Supreme Court blow to Punjab on SYL law repeal

नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने सतलज यमुना सम्पर्क (एसवाईएल) नहर निर्माण मामले में पंजाब सरकार को करारा झटका देते हुए जल बंटवारा समझौते को निरस्त करने संबंधी अधिनियम को अवैध करार दिया।

न्यायमूर्ति अनिल आर दवे की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय संविधान पीठ ने एसवाईएल नहर विवाद में राष्ट्रपति के संदर्भ (प्रेसिडेंशियल रिफ्रेंस) पर अपना महत्वपूर्ण फैसला सुनाते हुए जल बंटवारे से संबंधित ‘पंजाब समझौता निरस्तीकरण अधिनियम 2004’ को अवैध करार दिया ।

संविधान पीठ ने कहा कि हरियाणा और अन्य पड़ोसी राज्यों के साथ जल बंटवारे का समझौता निरस्त करने को लेकर पंजाब सरकार द्वारा बनाया गया कानून असंवैधानिक है। 

सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद पंजाब कांग्रेस पार्टी अध्यक्ष और लोकसभा सांसद कैप्टेन अमरिंदर सिंह ने लोकसभा सदस्य पद से इस्तीफ़ा दे दिया है। उनके साथ-साथ पंजाब के कांग्रेस के सभी विधायकों ने भी इस फैसले के विरोध में इस्तीफ़ा दिया है। उधर, बादल सरकार ने गुरुवार शाम छह बजे कैबिनेट की बैठक बुलाई है।

सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब को वर्ष 2002 और 2004 में दो बार निर्देश दिए कि वो अपने हिस्से में नहर के काम को पूरा करे। इसके बाद 2004 में सत्तारूढ़ कैप्टन अमरिंदर सिंह के नेतृत्व वाली पंजाब सरकार ने समझौता रद्द करने के लिए कानून बनाया था। इस कानून के तहत राज्य सरकार ने सतलुज यमुना संपर्क नहर के शेष हिस्से का निर्माण रोकते हुए सुप्रीम कोर्ट के फैसले को निष्प्रभावी करने का प्रयास किया था।

न्यायालय ने स्पष्ट किया कि संबंधित नहर का निर्माण पूरा किया जाएगा। न्यायालय ने गत 12 मई को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। न्यायमूर्ति दवे 18 नवम्बर को सेवानिवृत्त होने वाले हैं।
 



 

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