नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने किंगफिशर एयरलाइंस के मुखिया विजय माल्या से गुरुवार को पूछा कि क्या वह अपनी संपत्ति की सही जानकारी देंगे या नहीं। न्यायालय ने स्टेट बैंक के नेतृत्व वाले कंसोर्टियम की ओर से विजय मालया के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई के दौरान यह सवाल पूछा।
कंसोर्टियम ने न्यायालय से ये भी अनुरोध किया था कि वे माल्या को डिएगो करार से मिले चार करोड़ डॉलर लेकर एक हफ्ते के भीतर भारत आने का आदेश दे। इससे पहले माल्या की याचिका पर न्यायालय ने बैंको को नोटिस जारी कर जवाब मांगा था। याचिका में माल्या ने अवमानना नोटिस को वापस लेने की मांग की है।
न्यायालय माल्या के खिलाफ कोर्ट की अवमानना के मामले की सुनवाई कर रहा है। कंसोर्टियम ने कोर्ट की अवमानना की याचिका दाखिल की है जिस पर न्यायालय ने माल्या को नोटिस जारी कर पूछा था कि क्यों न उनके खिलाफ अवमानना का मुकदमा चलाया जाए। बैंकों की याचिका में कहा गया है कि शीर्ष कोर्ट के आदेश पर माल्या ने सील कवर में संपत्ति का जो ब्योरा दिया, वे सही नहीं है।
साथ ही माल्या ने 2500 करोड़ रुपए नकद लेन देन का ब्योरा छिपाया है जो कोर्ट के आदेश की अवमानना है। न्यायालय के आदेश पर माल्या ने देश-विदेश में अपनी संपत्ति का ब्योरा दाखिल किया था। इससे पहले बैंकों का करीब 9000 करोड़ रुपए न चुकाने के मामले में शीर्ष अदालत ने माल्या को नोटिस जारी कर जवाब मांगा था।