रायपुर। छत्तीसगढ़ का नक्सल प्रभावित सुकमा जिला राज्य का पहला कैशलेस जिला बनने की ओर अग्रसर है। आधिकारिक सूत्रों ने आज यहां बताया कि राज्य के दक्षिण क्षेत्र बस्तर का नक्सल प्रभावित सुकमा जिला अब कैशलेस जिला बनने की ओर तेजी से आगे बढ़ रहा है। यहां बड़ी संख्या में लोग नकदी रहित लेन-देन के लिए राज्य सरकार द्वारा स्थापित सामान्य सेवा केनें (कॉमन सर्विस सेन्टर्स) का उपयोग कर रहे हैं।
अधिकारियों ने बताया कि राज्य सरकार ने प्रधानमंत्री के डिजिटल भारत अभियान सफल बनाने के लिए इस प्रकार के केंद्रों की स्थापना राज्य के सभी 27 जिलों में की है। दक्षिण त्तीसगढ़ के सुकमा जिले में 38 सामान्य सेवा केनें (कियोस्क) की स्थापना की गई है।
ये सामान्य सुविधा केन् सुकमा जिले में लोगों को आधार पंजीयन, बिजली बिल भुगतान, रेलवे टिकट बुकिंग, डीटीएच टीवी रिचार्जिंग, मोबाइल फोन रिचार्जिंग, जीवन बीमा की प्रीमियम राशि के भुगतान जैसी सुविधाएं दे रहा है। इसके लिए पाइंट ऑफ सेल (पीओएस) मशीनों का उपयोग किया जा रहा है।
उन्होंने बताया कि अब तक शहरी क्षेत्रों में नौ लाख 96 हजार 892 रूपए का लेन-देन सी.एस.सी. वालेट के माध्यम से इन सामान्य सेवा केनें के जरिये किया जा चुका है।
न सामान्य सेवा केनें में पाइंट ऑफ सेल (पीओएस) मशीनों के जरिये चार लाख 80 हजार 500 रूपए और ग्रामीण क्षेत्रों में करीब दो लाख 50 हजार रूपए का कैशलेस आहरण अलग-अलग बूथ (कियोस्क) में किया जा चुका है। अधिकारियों ने बताया कि कियोस्क में पीओएस, चेक और नेट-बैंकिंग के जरिये 31 हजार 459 रूपए का भुगतान हुआ है।