नई दिल्ली। आत्महत्या के प्रयास करने वाले लोगों को अब अपराधियों की श्रेणी में नहीं रखा जाएगा। इससे संबंधित बिल मेंटल हेल्थ केयर बिल 2016 सोमवार को लोकसभा से पास कर दिया गया। ये बिल राज्यसभा से पहले ही गत वर्ष अगस्त में पारित हो चुका है। देश की संसद ने सोमवार को एक विधेयक पास कर दिया, जिसके बाद अब मानसिक रोगियों की खुदकुशी का प्रयास अपराध नहीं मानी जाएगी।
अभी तक इंडियन पीनल कोड (आईपीसी) के तहत खुदकुशी के प्रयास को अपराध माना जाता है। केवल इतना ही नहीं, मानसिक रोगियों के लिए इस विधेयक में और भी कई सुविधाओं व अधिकारों का उल्लेख किया गया है। अब उन्हें बेहतर उपचार मिलेगा और संपत्ति का अधिकार भी बहाल होगा। ये विधेयक सदन में वॉयस वोट से पास हो गया। विपक्ष ने इस पर संशोधन पेश किया था, लेकिन वे खारिज कर दिया गया।
इस बिल को 134 संशोधनों के साथ राज्यसभा ने गत वर्ष अगस्त में ही पास कर दिया था। अब लोकसभा से भी बिल पास होने के बाद इसके प्रावधान लागू हो जाएंगे। इस विधेयक में मानसिक रोगियों के लिए कई प्रावधानों की व्यवस्था की गई है। इसमें मानसिक रूप से बीमार लोगों द्वारा खुदकुशी के प्रयास को आईपीसी की धारा में गैर दंडनीय किया गया है।
विधेयक में मनोरोगी की बेहतर देखभाल, उपचार तथा पुनर्वास सुनिश्चित करने के लिए भी कहा गया है। यही नहीं, मानसिक रोगियों के अधिकारों और प्रतिष्ठा में कोई दखल नहीं देगा। इसके तहत महिलाओं को सामुदायिक आधार पर ही विशेष इलाज का प्रावधान किया गया है। मानसिक रोग से ग्रस्त लोगों को संपत्ति का अधिकार भी बहाल होगा। बीमारी से ग्रस्त व्यक्ति की नसबंदी या नलबंदी नहीं की जाएगी।