राज्यों के पास दूसरे राज्यों से आने वाले सामान पर प्रवेश कर लगाने का अधिकार है : न्यायालय

Samachar Jagat | Friday, 11 Nov 2016 01:28:01 PM
States on goods coming from other states have right to enter : court

नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने दूसरे राज्यों से अपने भूभाग में आने वाले सामान पर प्रवेश कर लगाने के संबंध में राज्यों के कानूनों की संवैधानिक वैधता को शुक्रवार को बरकरार रखा।शीर्ष अदालत ने 7 2 के बहुमत से कहा कि राज्यों द्वारा बनाए गए कर कानून को संविधान के अनुच्छेद 304 बी के तहत राष्ट्रपति की सहमति की आवश्यकता नहीं है।

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प्रधान न्यायाधीश टीएस ठाकुर की अध्यक्षता वाली नौ न्यायाधीशों की पीठ ने कहा कि यद्यपि राज्य सरकारों को दूसरे राज्यों से आने वाले सामान पर कर लगाने की शक्ति है, लेकिन सामान के बीच कोई भेदभाव नहीं हो सकता। शीर्ष अदालत ने कहा कि अगर राज्य अपने राज्य के भीतर निर्मित उत्पादों पर प्रवेश कर लगाता है तो उसे दूसरे राज्यों से आने वाले समान उत्पादों पर अधिक कर लगाने की शक्ति नहीं है।

बहुमत की राय ने ‘स्थानीय क्षेत्र’ शब्द पर फैसला सुनाने की जिम्मेदारी नियमित छोटी पीठ पर छोड़ दी कि क्या यह समूचे राज्य के संदर्भ में है या उसके क्षेत्र के भीतर कुछ हिस्सों के बारे में है। प्रधान न्यायाधीश के अलावा बहुमत का फैसला न्यायमूर्ति ए के सीकरी, न्यायमूर्ति एस ए बोबडे, न्यायमूर्ति एस के सिंह, न्यायमूर्ति एन वी रमण, न्यायमूर्ति आर भानुमति और न्यायमूर्ति ए एम खानविल्कर ने सुनाया।

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न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति अशोक भूषण ने अलग अल्पमत का फैसला सुनाया।अल्पमत की राय को साझा करने वाली न्यायमूर्ति भानुमति ने एक अलग फैसला पढक़र सुनाया, जिसमें कुछ बिंदुओं पर असहमति जताई गई। उन्होंने कहा कि उनकी राय में ‘स्थानीय क्षेत्र’ से आशय राज्य के समूचे भूभाग से है।

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