चेन्नई। तमिलनाडु की दिवंगत मुख्यमंत्री जे. जयललिता को आज शाम साढ़े चार बजे अंतिम संस्कार होगा। अभी उनकी पार्थिव देह राजाजी हॉल मेें अंतिम दर्शन के लिए रखी हुई है। यहां लाखों की संख्या में भीड़ जमा है और माहौल काफी गमगीन बना हुआ है। राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित सभी राजनीतिक दलों ने जयललिता को श्रद्धांजलि दी। इस दौरान कई नेता ही नहीं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आंखों से भी आंसू छलक पड़े। जयललिता का अंतिम संस्कार आज शाम साढ़े चार बजे होगा, इसका भी अपने आप भी विशेष महत्व है। जयललिता का ज्योतिष गणनाओं पर बहुत विश्वास था।
शायद इसी कारण ज्योतिषियों ने अंतिम संस्कार के समय के बारे में भी राय दी हो और उसी अनुसार अंतिम संस्कार किया जाएगा। जयललिता का जन्म बेहद रुढि़वादी आयंगर परिवार में हुआ था। जयललिता को ज्योतिष विद्या और अंकविद्या पर बहुत भरोसा था। कहते हैं कि बिना ज्योतिषों की सलाह लिए वह ना कोई योजना बनाती थीं और ना ही कोई फैसला लेती थीं। पंचांग से मुहूर्त निकाले बिना शायद ही उन्होंने कोई फैसला लिया हो। ना केवल अपने राजनैतिक फैसलों के लिए, बल्कि प्रशासन से जुड़े निर्णयों पर भी जयललिता ज्योतिषीय गणनाओं का सहारा लिया करती थीं।
कहते हैं कि जब 1999 में तत्कालीन अटल बिहारी वाजपेयी सरकार से उन्होंने समर्थन वापस लिया, तो उस फैसले के पीछे राजनैतिक मतभेदों के साथ-साथ ज्योतिष गणनाओं का भी बहुत बड़ा हाथ था। जानकारों के मुताबिक, समर्थन वापसी की घोषणा से पहले जयललिता ने किसी से भी मिलने से इनकार कर दिया था। उनके ज्योतिषियों ने उन्हें बताया था कि उनकी कुंडली का चंद्रमा आंठवें घर में है और यह उनके लिए अशुभ हो सकता है।
ऐसे में जयललिता कई घंटे तक होटल के अपने कमरे में बंद रहीं और किसी से भी नहीं मिलीं। इतना ही नहीं, वाजपेयी सरकार से समर्थन वापस लेते हुए उन्होंने राजनैतिक जोड़-घटाव तो किया ही, साथ ही ज्योतिषियों से भी सलाह ली। माना जाता है कि उनके ज्योतिष ने समर्थन वापसी की घोषणा का समय भी बता दिया था।