नई दिल्ली। भारत के सूचना प्रौद्योगिकी आईटी उद्योग में किसी तरह की गिरावट को खारिज करते हुए विधि एवं आईटी मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि 2025 तक इस उद्योग में 25 से 30 लाख रोजगार के अवसरों का सृजन होगा। प्रसाद ने इलेक्ट्रानिक्स एवं आईटी मंत्रालय की तीन साल की उपलब्धियों पर चर्चा करते हुए संवाददाताओं से कहा, देश का आईटी मंत्री होने के नाते मैं इस क्षेत्र में नौकरियों में कटौती की किसी भी बात को खारिज करता हूं।
यह क्षेत्र मजबूत है, आगे बढऩे को तैयार है और एक बार डिजिटल अर्थव्यवस्था का चलन बढऩे पर यह और तेजी से आगे बढ़ेगा। उन्होंने बताया कि भारतीय आईटी क्षेत्र ने पिछले तीन साल में छह लाख नौकरियां दी हैं। प्रसाद ने कहा, आईटी कंपनियों में 40 लाख लोगों को प्रत्यक्ष और 1.3 करोड़ को अप्रत्यक्ष तरीके से रोजगार मिला हुआ है। हम छोटे शहरों में बीपीओ ला रहे हैं। यह काफी रोमांचक स्थिति है। उद्योग आगे बढ़ रहा है और नास्कॉम का आकलन है कि इस क्षेत्र में अगले 4-5 साल में 20 से 25 लाख रोजगार के अवसरों का सृजन होगा।
नास्कॉम इंडिया लीडरशिप फोरम में मैकिंजी एंड कंपनी की रिपोर्ट का विश्लेषण करते हुए हेड हंटर्स इंडिया के संस्थापक चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक के लक्ष्मीकान्त ने कहा था कि सूचना प्रौद्योगिकी क्षेत्र में अगले तीन साल तक सालाना आधार पर 1.75 से दो लाख नौकरियों की कटौती होगी।
एच-बी वीजा अंकुश के बारे में प्रसाद ने कहा कि वित्त मंत्री अरुण जेटली ने हाल की अपनी अमेरिका यात्रा के दौरान इस मुद्दे पर अपनी चिंता से अवगत कराया था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी अपनी अमेरिका यात्रा के दौरान वहां की सरकार के साथ यह मुद्दा उठाएंगे।
प्रसाद ने कहा कि पिछले 30 महीने में देश में 72 नए मोबाइल विनिर्माण संयंत्र लगें हैं जिससे एक लाख लोगों को प्रत्यक्ष रोजगार मिला है और तीन लाख लोगों को अप्रत्यक्ष तौर पर रोजगार मिला हुआ है। उन्होंने कहा कि एपल, सैमसंग सहित दुनिया के कई प्रमुख ब्रांड के स्मार्टफोन अब भारत में बन रहे हैं।
उन्होंने मोदी सरकार के डिजिटल इंडिया कार्यक्रम का उल्लेख करते हुए कहा कि इससे भारी बदलाव लाने में मदद मिली है और सरकार किफायती प्रौद्योगिकी के बल पर अलग भारत का निर्माण कर रही है। उन्होंंने बताया कि वर्ष 2016-17 तक देश में 114 करोड़ आधार कार्ड जारी किए गए और आधार आधारित भुगतान के जरिए 1.9 लाख करोड लेनदेन हुए हैं और इसके जरिए सब्सिडी भुगतान में 50 हजार रुपए की बचत की गई है।
उन्होंने आधार के डाटा को पूरी तरह सुरक्षित बताते हुए कहा कि किसी भी व्यक्ति की गोपनीयता से समझौता नहीं किया जाएगा। ग्रामीण क्षेत्र और गरीब आधार को लेकर कोई शिकायत नहीं कर रहे हैं बल्कि अब सरकार 100 रुपए उनके लिए भेज रही तो पूरी राशि उनके खाते में पहुंच रही है। मंत्री ने कहा कि 90 हजार ग्राम पंचायतों को आप्टिकल फाइबर नेटवर्क से जोड़ दिया गया है और शेष ग्राम पंचायतों को इससे जोडऩे की प्रक्रिया जारी है। उन्होंने कहा कि डिजिटल इंडिया कार्यक्रम को गति देने के लिए डिजिटल इंडिया कार्पोरेशन नाम से एक कंपनी बनाई गई है जो इस कार्यक्रम की निगरानी करेगी।