BJP को अपनी मर्जी से लोगों को देशभक्त या देशद्रोही करार नहीं देना चाहिए: शिवसेना

Samachar Jagat | Tuesday, 22 Nov 2016 07:20:15 PM
shiv sena questioned against bjp over demonetization

मुंबई। शिवसेना ने आज नोटबंदी के मुद्दे पर भाजपा पर दबाव बढाया और पार्टी प्रमुख उद्धव ठाकरे ने कहा कि भाजपा को अपनी मर्जी से लोगों को देशभक्त या देशद्रोही करार नहीं देना चाहिए।

शिवसेना ने यह तल्ख टिप्पणियां ऐसे समय कीं जब उसने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के इस बयान पर आपत्ति जताई कि इस कदम का विरोध करने वाले देश को नुकसान पहुंचा रहे हैं।

सेना के मुखपत्र ''सामना" में कहा गया कि नोटबंदी के कदम से ''वास्तविक" काला धन तो बाहर नहीं आया बल्कि सरकार भूख, महंगाई और बेरोजगारी जैसे ज्वलंत मुद्दों से ध्यान भटकाने में कामयाब जरूर हो गई।

उपनगरीय बांद्रा स्थित अपने आवास 'मातोश्री' में संवाददाताओं से बातचीत में ठाकरे ने संवाददाताओं से कहा, ''आपको उन लोगों को देशभक्ति सिखाने की जरूरत नहीं है जो व्यथित हैं और चुपचाप कतारों में खड़े हैं। उनकी मेहनत की कमाई का देश में सभी कार्यों के लिए इस्तेमाल हो रहा है। ऐसे में आपको भाजपा को अपनी मर्जी और सुविधा के हिसाब से लोगों को देशभक्त या राष्ट्रदोही करार नहीं देना चाहिए।

गौरतलब है कि महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री फडणवीस ने हाल में तटीय कोंकण जिले के रत्नागिरी में एक चुनावी रैली में कहा था कि नोटबंदी के मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का विरोध करने वाले देश को नुकसान पहुंचा रहे हैं और काले धन के खिलाफ निर्णायक लड़ाई में जीत के लिए लोगों को एकसाथ आना चाहिए।

देश में शरीयत के अनुरूप या ब्याज रहित बैंकिंग को क्रमिक तरीके से आगे बढ़ाने की दिशा में पारंपरिक बैंकों में 'इस्लामी खिड़की' खोले जाने के रिजर्व बैंक के प्रस्ताव पर ठाकरे ने आश्चर्य प्रकट करते हुए कहा कि यह देश किस दिशा में बढ़ रहा है। 

उन्होंने कहा, ''आप जिला सहकारी बैंकों को रूपये बदलने की अनुमति नहीं दे रहे हैं और दूसरी तरफ इस्लामी बैंकिंग की अनुमति दे रहे हैं। मुझे समझ में नहीं आ रहा कि ये देश किस दिशा में बढ़ रहा है।

ठाकरे ने कहा कि अगर 500 या 1000 रूपये के नोटों को अमान्य घोषित किये जाने से आतंकवाद रूक जाता तो पूरी दुनिया इसी मॉडल को अपनाती।

शिवसेना ने देश में ''वित्तीय आपातकाल" की टिप्पणी करने वाले राकांपा प्रमुख शरद पवार पर भी निशाना साधा और कहा कि उन्हें यह टिप्पणी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मौजूदगी में हाल ही में वे पुणे में एक कार्यक्रम के दौरान उनसे मिले थे करनी चाहिए थी।

सामना के संपादकीय में कहा गया, ''नोटबंदी के फैसले के कारण सरकार लोगों का ध्यान भूख, मुद्रास्फीति, बेरोजगारी और आतंकवाद जैसे मुद्दों से भटकाने में कामयाब रही है। सरकार बड़ी ही सफलतापूर्वक लोगों के ध्यान से महत्वपूर्ण राष्ट्रीय मुद्दे भुला रही है।

राजग के गठबंधन सहयोगी ने कहा, ''पैसे बदलने के लिए कोई भी बड़ी मछली कतार में खड़ी नहीं देखी गई। इसका मतलब यह है कि वास्तविक काला धन अभी तक बाहर आया ही नहीं और मोदी के दोस्तों उनके फैसले के समर्थक को यह स्वीकार करना ही होगा।
भाषा



 

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