शशिकला होगी ‘अम्मा’ की राजनीतिक उतराधिकारी, परिवार से बनाई दूरी!

Samachar Jagat | Saturday, 10 Dec 2016 11:05:01 AM
Sasikala will political successor amma made the distance from the family

चेन्नई। तमिलनाडु की दिवंगत मुख्यमंत्री और एआईएडीएमके की प्रमुख जे. जयललिता दुनिया को अलविदा कह कर जा चुकी है। लेकिन, अब भी सबसे बड़ा सवाल यह है कि उनकी करोड़ों की संपत्ति का वारिस कौन होगा। साथ ही अब सत्ता की बागडोर किसके हाथ में होगी। यह भी अहम सवाल है। मीडिया में आ रही खबरों की मानें तो जयललिता की सबसे ज्यादा भरोसेमंद शशिकला बागडोर संभाल सकती है। शायद जयललिता के बाद तमिलनाडु की जनता भी शशिकला पर भरोसा करे। लेकिन, यह भी माना जा रहा है कि शशिकला की राह आसान नहीं होगी। राजनीति का खेल ही अनोखा होता है। ऐसे में शशिकला के लिए सबसे बड़ी चुनौती होगी नेताओं और कार्यकर्ताओं के बीच तालमेल बिठाना।

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जयललिता का पोस गार्डन स्थित घर वेद निलयम अब भी सुरक्षा के कड़े घेरे में किले सा बना हुआ है। जयललिता के समर्थक दूर-दराज के इलाकों से यहां उपस्थिति दर्ज करवा रहे है। पार्टी के वरिष्ठ नेता भी वेद निलयम में आ रहे है और शशिकला ही मोर्चा संभाल रही हैं। शशिकला ने अपने परिवार के सदस्यों को पार्टी और सरकार से दूर रहने की सख्त हिदायत दी है। शशिकला ने अपने परिवार के लोगों से पार्टी और सरकार के कामकाज से दूर रहने को कहा है।

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एक अंग्रेजी अखबार में छपी रिपोर्ट के मुताबिक शशिकला ने अपने भाई-बहनों के साथ-साथ भतीजे-भतीजियों को भी सख्ती से राजनीतिक गतिविधियों में शामिल होने से मना किया है।  तमिलनाडु के मुख्यमंत्री पनीरसेल्वम और शशिकला की शुक्रवार को एक अहम बैठक हुई है। मीटिंग करीब 3 घंटे तक चली। मीटिंग में शशिकला पार्टी की कमान संभालने के लिए तैयार हो गई हैं। पार्टी के नेताओं और मंत्रियों से मुलाकात से पहले शशिकला ने अपने परिवार के सदस्यों के साथ बैठक की थी। जयललिता के पोस गार्डन स्थित घर में हुई इस पारिवारिक बैठक में उन्होंने दो टूक लहजे में परिवार के सदस्यों को पार्टी और राजनीति से दूर रहने की सलाह दी।

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शशिकला के परिवार के लोग जयललिता के आवास विद्या निलयम को छोडक़र दूसरे घर में रहने के लिए जाएंगे, जबकि शशिकला अभी भी वहीं उसी घर में रहेंगी। गौरतलब है कि जयललिता ने दिसंबर 2011 में शशिकला और उनके परिवार के सभी सदस्यों को पार्टी के खिलाफ साजिश रचने के आरोप में पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया था। हालांकि, शशिकला को बाद में पार्टी में फिर से शामिल कर लिया गया। जयललिता के बाद शशिकला को ही उनका राजनीतिक उतराधिकारी माना जा रहा है। ऐसे में देखना यह होगा कि शशिकला कड़ी चुनौतियों से कैसे पार पाएंगी।

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