नई दिल्ली। गांवों में स्वच्छता की स्थिति की समीक्षा करने और स्वच्छ भारत अभियान के प्रभाव का मूल्यांकन करने के लिए सरकार देश भर में एक ग्रामीण स्वच्छता सर्वेक्षण कराएगी।
सूत्रों के अनुसार पेयजल एवं स्वच्छता विभाग ने परामर्श एजेंसी के चयन की प्रक्रिया शुरू कर दी है जो इस प्रस्तावित राष्ट्रीय ग्रामीण स्वच्छता सर्वेक्षण के लिए एक स्वतंत्र सत्यापन एजेंसी के तौर पर काम करेगी।
विभाग हर साल यह सर्वेक्षण कराने पर भी विचार कर रहा है ताकि नीति नियंताओं को जरूरी सूचना एवं प्रतिक्रिया मिल सके जिनके आधार पर कार्य योजना तैयार की जा सकती है। इससे स्वच्छ भारत अभियान के सफल कार्यान्वयन के लिए जरूरी महत्वपूर्ण सूचना भी मिलेगी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दो अक्तूबर, 2014 को स्वच्छ भारत अभियान की आधिकारिक रूप से शुरूआत की थी और 2019 तक देश को खुले में शौच से मुक्त करने का उद्देश्य रखा गया।
कार्यक्रम को दो श्रेणियों - स्वच्छ भारत अभियान ग्रामीण और स्वच्छ भारत अभियान शहरी में बांटा गया है।