श्रीनगर। आतंकी संगठन हिजबुल मुजाहिदीन के कमांडर बुरहान वानी की मौत के बाद पूरा कश्मीर हिंसा की आग में झुलस रहा था। कश्मीरी युवक लहूलुहान हो रहे थे और पूरे कश्मीर में दहशत का माहौल था। ऐसे में जम्मू-कश्मीर की पीडीपी-बीजेपी सरकार ने नियमों में ढील देकर पाकिस्तानी समर्थक सैयद अली शाह गिलानी के पोते को सरकारी नौकरी दी। अधिकारिक सूत्रों के बताया कि गिलानी के पोते अनीस-उल-इस्लाम को जम्मू-कश्मीर पर्यटन विभाग की सहयोगी विंग शेर-ए-कश्मीर इन्टरनैशनल कन्वेक्शन कॉम्प्लेक्स में रिसर्च ऑफिसर के तौर पर नियुक्ति दी गई।
इस नियुक्ति के लिए राज्य सरकार ने कई नियमों को ताक पर रख दिया। अनीस को दी गई इस पेंशन वाली नौकरी की सालाना तनख्वाह 12 लाख रुपये है। आपको बता दें कि जम्मू-कश्मीर सीआईडी की रिपोर्ट के आधार पर राज्य पासपोर्ट ऑफिस ने 2009 अनीस को पासपोर्ट देने से मना कर दिया था। लेकिन बाद में हाई कोर्ट के आदेश पर उसे पासपोर्ट दे दिया गया। इसके बाद अनीस एक बार फिर एमबीए करने के लिए यूके चला गया। अनीस ने पंजाब के जालंधर से भी एमबीए किया है।
अधिकारिक सूत्रों के मुताबिक राज्य पर्यटन विभाग सीधे सीएम महबूबा मुफ्ती संभालती हैं और विभाग ने इस पोर्ट पर नियुक्ति के लिए आवेदन जम्मू-कश्मीर स्टेट सबऑर्डिनेट सर्विसेज रिक्रूटमेंट बोर्ड या पब्लिक सर्विस कमीशन के पास नहीं भेजा, जो कि नियुक्त प्रक्रिया का एक आवश्यक अंग है। हालांकि, टूरिजम सेक्रेटरी फारूख शाह ने कहा कि गिलानी के पोते अनीस की नियुक्ति सभी नियम-प्रक्रियाओं के तहत ही की गई है। उन्होंने कहा, हमने आवेदन आमंत्रित किए थे जिसमें अनीस को इस पोस्ट के लिए उपयुक्त पाया गया।