500-1000 रूपए की नोटबंदी से देश में वित्तीय अराजकता और मारामारी का माहौल कांग्रेस

Samachar Jagat | Saturday, 12 Nov 2016 02:04:17 AM
Rs 500-1000 financial chaos in the country and shooting environment Notbandi Congress

नई दिल्ली। कांग्रेस ने आज आरोप लगाया कि 500 और 1000 रूपए के पुराने नोटों को अमान्य करार दिए जाने के बाद देश में वित्तीय अराजकता और मारामारी का माहौल है । पार्टी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से यह सवाल भी किया कि उन्हें यह अधिकार किसने दिया कि वह करदाताओंं की गाढ़ी कमाई निकालने पर सीमा तय करें । 
पुराने नोट बदलवाकर नए नोट हासिल करने की खातिर लंबी-लंबी कतारों में कई-कई घंटे खड़े होने के लिए आम लोगों को मजबूर करने वाले इस कदम के लिए सरकार पर निशाना साधते हुए कांग्रेस प्रवक्ता आनंद शर्मा ने कहा कि ‘‘हालात नियंत्रण से बाहर चले जाएं, उससे पहले’’ प्रधानमंत्री को जमीनी हकीकत समझनी चाहिए । 
पूर्व केंद्रीय मंत्री शर्मा ने मांग की कि सरकार सभी फंसे हुए कर्ज एनपीए को सार्वजनिक करे और बैंक 500 करोड़ रूपए से ज्यादा का कर्ज चुकाने में नाकाम रहने वालों की सूची घोषित करे । उन्होंने ऐसे उद्योगपतियों के नाम सार्वजनिक करने की भी मांग की जिनके 5,000 करोड़ रूपए से लेकर 60,000 करोड़ रूपए तक के कर्ज की किस्तों को मोदी सरकार के शासनकाल में फिर से निर्धारित किया गया । 
तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो ममता बनर्जी की ओर से इस मुद्दे पर सभी विपक्षी पार्टियों के एकजुट होने के आह्वान के बारे में पूछे जाने पर शर्मा ने कहा कि अगले हफ्ते से शुरू हो रहे संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान कांग्रेस सहित समूचा विपक्ष इस मुद्दे को जोर-शोर से उठाएगा ।
शर्मा ने कहा, ‘‘हालात बेकाबू होने से पहले सरकार को स्थिति का जायजा लेना चाहिए । यह ऐसी सरकार है जो असंवेदनशील है, अहंकारी है, जिसने मिथक रचे हैं और अपने ही दुष्प्रचार में बह जाती है ।’’ 
उन्होंने कहा, ‘‘उन्होंने भारत में वित्तीय अराजकता और मारामारी का माहौल पैदा कर दिया है ।’’ 
शर्मा ने इस कदम पर ‘दुष्प्रचार’ कर रहे भाजपा अध्यक्ष अमित शाह को आड़े हाथ लेते हुए कहा कि भाजपा 2014 में जब विपक्ष में थी तो उसने इस कदम का विरोध किया था । 
उन्होंने कहा, ‘‘क्या यह पाखंड है ? जब संप्रग सत्ता में थी तो भाजपा ने नोट वापस लेने के फैसले का विरोध किया था । क्या अमित शाह अपनी ही पार्टी के शब्दों को भूल गए हैं ?’’ 
फरवरी 2014 में भाजपा के एक प्रेस बयान की प्रति जारी करते हुए शर्मा ने कहा, ‘‘क्या भाजपा में इतनी हिम्मत है कि वह दो साल पहले की गई अपनी ही टिप्पणियों पर बयान दे ? या उस वक्त उन्होंने काले धन का समर्थन किया था ?’’ 
केंद्रीय वित्त मंत्री अरूण जेटली के दावों के लिए उन पर निशाना साधते हुए शर्मा ने याद दिलाया, ‘‘अगस्त 2016 में वित्त मंत्री ने संसद में कहा था कि प्रसार में जितनी जाली मुद्रा है, वह कुल मुद्रा की महज 0.02 फीसदी है ।’’ 
शर्मा ने कहा, ‘‘बात जब 500 और 1000 रूपए के नोटों की आती है तो यह और भी कम हैं । कुल मुद्रा की तुलना में यह नगण्य धनराशि है । संदिग्ध जाली मुद्रा प्रसार में मौजूद कुल 16,46,000 करोड़ में से सिर्फ 400 करोड़ रूपए है ।’’ 



 

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