सुप्रीम कोर्ट ने आज पटना हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती देने के लिए आरजेडी विधायक रवींद्र सिंह पर 10 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है।
पटना हाईकोर्ट ने अपने आदेश में रवींद्र सिंह की उस अर्जी को खारिज कर दिया था, जिसमें उन्होंने 1994 में एक स्थानीय भाषा की एक पत्रिका में प्रकाशित एक लेख की सच्चाई पर सवाल उठाया था। सुप्रीम कोर्ट ने विधायक की खिंचाई करते हुए कहा कि जनप्रतिनिधि होते हुए उन्हें सतही केस दायर करके न्यायिक समय बर्बाद करते हुए पाया गया है।
प्रधान न्यायाधीश जेएस खेहर के नेतृत्व वाली पीठ ने कहा वह यह समझने में असफल रही कि किस कारण से सिंह ने 23 वर्ष पहले प्रकाशित एक लेख के संबंध में 2015 में हाईकोर्ट में पहले याचिका दायर की थी। पीठ में न्यायमूर्ति एनवी रमण और न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ भी शामिल थे।
उन्होंने कहा, हम यह समझने में असफल हैं कि उन्होंने इस अदालत से संपर्क क्यों किया, जबकि हाईकोर्ट का आदेश स्पष्ट एवं साफ था।
याचिकाकर्ता द्वारा अपनाया गया तात्कालिक कदम माफी योग्य नहीं है, क्योंकि एक जनप्रतिनिधि होने के नाते उनसे अदालत के अधिकार क्षेत्र के दुरुपयोग की उम्मीद नहीं की जा सकती। याचिका 10 लाख रुपये के जुर्माने के साथ खारिज की जाती है।