चेन्नई/नई दिल्ली। हिंदी समाचार चैनल एनडीटीवी इंडिया पर केंद्र द्वारा एक दिन का प्रतिबंध लगाए जाने को लेकर वाक्युद्ध आज तेज हो गया। सूचना एवं प्रसारण मंत्री वेंकैया नायडू ने कहा कि यह 'देश की सुरक्षा' के हित में है जबकि विपक्ष का कहना है कि यह कार्रवाई 'दूसरे आपातकाल' की ओर ले जाएगी।
नायडू ने पठानकोट हमले के कवरेज को लेकर नौ नवंबर को चैनल का प्रसारण रोकने के आदेश के संदर्भ में आपातकाल के उल्लेख की निंदा करते हुए विपक्षी पार्टियों की इस तरह के मुद्दों के राजनीतिकरण के लिए आलोचना की। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का काफी सम्मान करती है।
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उनकी पार्टी जद यूके वरिष्ठ नेता शरद यादव, द्रमुक प्रमुख एम करणानिधि, बसपा प्रमुख मायावती और राजद प्रमुख लालू प्रसाद ने केंद्र सरकार पर हमला बोला। उन्होंने 'प्रतिबंध' को अभिव्यक्ति की आजादी का अपमान बताया और इसे वापस लेने की मांग की। माकपा पोलित ब्यूरो ने कहा कि यह मोदी सरकार के 'निरंकुश' रवैये को दर्शाता है।
सरकार के फैसले को उचित ठहराते हुए रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने कहा कि एनडीटीवी इंडिया ने ऐसा लगता है कि आतंकवाद निरोधी अभियान के सीधा प्रसारण को लेकर केंद्र द्वारा जारी दिशा-निर्देशों का उल्लंघन किया है।
चेन्नई में संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए नायडू ने कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी की भी 'आपातकाल के काले दिनों की बात करने' के लिए आलोचना की।
उन्होंने कहा, ''मैं आश्चर्यचकित हूं। कुछ लोग आपातकाल जैसी स्थिति के बारे में चर्चा कर रहे हैं। कार्रवाई देश की सुरक्षा के हित में की गई।
उन्होंने कहा, ''इस तरह के मुद्दों के राजनीतिकरण से देश की सुरक्षा और संरक्षा प्रभावित होगी।
पूर्व में प्रतिबंधित किए गए कुछ चैनलों के नाम गिनाते हुए उन्होंने कहा, ''एएक्सएन को दो महीने के लिए प्रतिबंधित किया गया। एफटीवी को दो महीने के लिए प्रतिबंधित किया गया। इंटर 10 को एक दिन के लिए प्रतिबंधित किया गया। एमबीएन आंध्र ज्योति को सात दिनों के लिए प्रतिबंधित किया गया। अलजजीरा को भारत का गलत मानचित्र दिखाने के लिए पांच दिनों के लिए प्रतिबंधित किया गया।
सूचना एवं प्रसारण मंत्री ने कहा, ''ये सब पहले हो चुका है। अब वो कह रहे हैं कि ऐसा पहली बार हुआ है। लोकतंत्र की हत्या की गई है। आपातकाल की याद दिलाता है।
आधिकारिक सूत्रों ने पूर्ववर्ती संप्रग सरकार द्वारा कुछ कार्यक्रमों के प्रसारण के लिए एनडीटीवी समूह को जारी चेतावनी का ब्योरा दिया। नीतीश कुमार ने पटना में एक वक्तव्य में कहा, ''एनडीटीवी इंडिया को प्रतिबंधित करने का केंद्र सरकार का फैसला निंदनीय है। यह फैसला मीडिया की स्वतंत्रता को नियंत्रित करने के समान है। भारत जैसे देश में स्वतंत्र और निष्पक्ष मीडिया के लिए यह काफी जरूरी है।
लखनउ में संवाददाता सम्मेलन में मायावती ने मोदी सरकार पर प्रेस की स्वतंत्रता का गला घोंटने का आरोप लगाया। करूणानिधि ने कहा, ''अगर केंद्र सरकार इस तरह की गतिविधियां जारी रखती है तो यह दूसरे आपातकाल की ओर ले जाएगा और वो काले दिन लोगों के दिमाग पर अंकित हो जाएंगे।
उन्होंने आपातकाल के दिनों की याद दिलाई जब पार्टी मुखपत्र 'मुरासोली' में उनके लेखों को तब प्रतिबंधित कर दिया गया था। लालू प्रसाद ने कहा कि सरकार की कार्रवाई लोकतंत्र पर हमला है। लालू ने लखनउ में समाजवादी पार्टी की स्थापना के 25 वें साल के जश्न के मौके पर कहा, ''नरेंद्र मोदी, भाजपा और आरएसएस इस देश को आपातकाल और तानाशाही की ओर ले जा रही है।
भाषा