कोरबा। छत्तीसगढ़ के कोरबा जिले में नबालिग आदिवासी बहनों से बलात्कार के मामले में अदालत ने एक व्यक्ति को आजीवन कारावास और दूसरे को 10 वर्ष कैद की सजा सुनाई है।
शासकीय अभिभाषक एवं लोक अभियोजक रंजना दत्ता ने आज यहां बताया कि आदिवासी बहनों को मुंबई घुमाने और कलाकारों से मिलवाने का झांसा देकर दैहिक शोषण करने के मामले में विशेष न्यायाधीश वी के एक्का की अदालत ने एक आरोपी को आजीवन कारावास तथा दूसरे को 10 वर्ष कारावास की सजा सुनाई है। अदालत ने आरोपियों को 18 हजार और 12 हजार रूपये अर्थदंड की सजा भी सुनाई है।
दत्ता ने बताया कि वर्ष 2014 के सितंबर माह में चंप्रकाश सारथी उर्फ चंकुमार (22) और राजेश गोस्वामी (24) नाबालिग बहनों को मुंबई घुमाने और कलाकारों से मिलवाने का झांसा देकर अपने साथ अहमदाबाद के एक चॉकलेट फैक्ट्री में ले गए। वहां दोनों आरोपियों ने तीन माह तक बालिकाओं का शोषण किया।
उन्होंने बताया कि घटना की सूचना जब बालिकाओं के परिजनों ने बाल्को थाने की पुलिस को दी तब पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ अपराध दर्ज कर तलाश शुरू की। जनवरी 2015 में दोनों बहन को लेकर जब आरोपी कोरबा पहुंचे तब पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया। इसके बाद मामले की सुनवाई शुरू हुई।
गुरुवार को मामले की सुनवाई के बाद अदालत ने आरोपियों को इस मामले में दोषी पाया तथा चंप्रकाश सारथी को 10 वर्ष कारावास के साथ-साथ 12 हजार रूपए अर्थदंड की सजा सुनाई। वहीं आरोपी राजेश गोस्वामी को आजीवन सश्रम कारावास और 18 हजार रूपये अर्थदंड की सजा सुनाई है। -(एजेंसी)