नई दिल्ली। पिछले पांच दिनों से नोटबंदी पर चर्चा को लेकर राज्यसभा में जारी गतिरोध आज सुबह खत्म तो हुआ लेकिन भोजनावकाश के बाद फिर विपक्ष प्रधानमंत्री की सदन में मौजूदगी की मांग को लेकर अड़ गया और कार्यवाही तीन बजे तक स्थगित करनी पड़ी।
भोजनावकाश के बाद उप सभापति पी जे कुरियन ने नोटबंदी के मुद्दे पर चर्चा करने के लिए सदस्य का नाम पुकारा तो बहुजन समाज पार्टी की मायावती ने कहा कि इस महत्वपूर्ण चर्चा के दौरान प्रधानमंत्री को मौजूद रहना चाहिए। उन्होंने कहा कि लोग इससे बुरी तरह से प्रभावित हो रहे हैंं। इस पर चर्चा के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सदन में मौजूद रहना चाहिए क्योंकि नोटबंदी का फैसला उनका ही है।
बसपा नेता ने कहा कि नोटबंदी पर मोदी को लोकसभा भंग करके फिर से आम चुनाव कराने चाहिए। उनकी पार्टी कालेधन का समर्थन नहीं करती हैं और नोटबंदी के पक्ष में हैं लेकिन जो तरीका इसके लिए अपनाया गया है वह ‘गलत और अपरिपक्व‘ है।
मायावती का समर्थन करते हुए सदन में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा कि उन्होंने कहा कि सुबह सदन की कार्यवाही इसी शर्त पर चली थी कि प्रधानमंत्री चर्चा के दौरान मौजूद रहेंगे।
लेकिन भोजनावकाश के बाद वह सदन में नहीं पहुंचें हैं इसलिए सदन नहीं चल सकता। कांग्रेस नेता ने कहा कि टू जी मामले पर चर्चा के दौरान पूरे दिन तक तत्कालीन प्रधानमंत्री सदन में मौजूद रहे थे। उनका समर्थन मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के सीताराम येचुरी ने भी किया।