नई दिल्ली। उत्तरप्रदेश के कांग्रेस अध्यक्ष राज बब्बर ने प्रदेश के विधानसभा चुनावों में अपनी पार्टी की करारी हार की नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए अपने पद से इस्तीफे की पेशकश की है।
बब्बर ने यह पहल ऐसे समय में की है जब पार्टी में ढांचागत बदलाव करने और जिम्मेदारी तय करने की मांग की जा रही है। राज बब्बर ने पार्टी के उपाध्यक्ष राहुल गांधी के उस बयान का समर्थन किया जिसमें पार्टी को मजबूत बनाने के लिए ढांचागत बदलाव की जरूरत बताई गई है। उन्होंने इसके साथ ही कांग्रेस उपाध्यक्ष का बचाव करते हुए कहा कि एक या दो चुनाव में पराजय से नेतृत्व में बदलाव नहीं होता है।
उन्होंने कहा कि मैं उत्तरप्रदेश में चुनाव में पराजय की नैतिक जिम्मेदारी लेता हूं। मुझे जिम्मेदारी दी गई थी, लेकिन मैं उसे पूरा नहीं कर सका। मैं उम्मीदों पर खरा नहीं उतर पाया। जो भी जरूरी होगा, मैं वह करूंगा। राहुल गांधी या गुलाम नबी आजाद जैसे बड़े नेताओं द्वारा पराजय की जिम्मेदारी नहीं लेने के बारे में एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि ऐसे विषयों के बारे में पार्टी में आंतरिक स्तर पर चर्चा होती है।
उन्होंने कहा कि हमारे राष्ट्रीय नेतृत्व ने पांच राज्यों में काफी मेहनत की, लेकिन हम उत्तर प्रदेश में विफल रहे। राज बब्बर की तरह क्या अन्य संबंधित कांगे्रस नेताओं के इस्तीफे की पेशकश हो सकती है, इस प्रश्न के उत्तर में कांगे्रस प्रवक्ता सुष्मिता देव ने संसद परिसर में कहा कि इस तरह के इस्तीफों के पेशकश की हम सराहना करते हैं। ऐसा करना स्वाभाविक हैं। उन्होंने कहा कि हमें साथ ही यह भी ध्यान रखना होगा कि इस तरह इस्तीफों से कोई समाधान नहीं निकल सकता है।