नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज कहा कि रेलवे को नवान्वेषी तकनीक की पटरी पर तेज गति से प्रगति की दिशा में दौड़ाने की आवश्यकता है।
मोदी ने दिल्ली के पास सूरजकुंड में रेल विकास शिविर को वीडियो कान्फेंभसग के माध्यम से संबोधित करते हुए कहा कि 21वीं सदी प्रौद्योगिकी आधारित सदी है और नवान्वेषण बहुत है तथा इसलिये रेलवे को गति एवं प्रगति के रास्ते पर जाने की जरूरत है।
उन्होंने कहा कि यह अच्छी बात है कि प्रत्येक अधिकारी अपना काम कर रहा है लेकिन हमें मिल कर काम करना होगा और सोचना होगा कि हम रेलवे को कैसा बनाना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि रेलवे को विकसित होना होगा और वित्तीय रूप से सशक्त बनना होगा।
प्रधानमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार के रेल बजट का फोकस कभी राजनीति नहीं रहा और सरकार ने रेलवे के परावर्तन के लिये काम किया। यह सदी बदल चुकी है और इसलिये रेलवे के सिस्टम भी बदलने चाहिये। उन्हें विश्वास है कि उनकी टीम यह हासिल कर सकेगी।
मोदी ने कहा कि उनका बचपन रेलवे प्लेटफॉर्म पर बीता है और रेलवे से उनका रिश्ता बहुत मजबूत है। इसलिये वह चाहते हैं कि रेलवे का परावर्तन हो।
रेल विकास शिविर का उद्देश्य रेल क्षेत्र के सतत विकास के लिए रेलवे परिचालन के सबसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में नवाचारी लेकिन व्यवहारिक विचारों का सृजन करना है। भारतीय रेलवे के 163 वर्षों के इतिहास में ऐसा पहली बार हो रहा है कि ऐसा कोई बुद्धिशील और नियोजक आयोजन सभी रेलवे कर्मचारियों को शामिल करके इतने बड़े पैमाने पर आयोजित किया जा रहा हो।
तीन दिन के इस शिविर का रविवार को समापन होगा। केंद्रीय मंत्रिमंडल के अनेक मंत्रियों को शिविर के समापन दिवस पर आमंत्रित किया गया है। उस समारोह में आमंत्रित व्यक्तियों में सरकार के कुछ चुभनदा सचिवों, प्रधानमंत्री कार्यालय, कैबिनेट सचिवालय और नीति आयोग के वरिष्ठ अधिकारी शामिल हैं।