नई दिल्ली। कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी अब पार्टी अध्यक्ष की जिम्मेदारी संभाल लें। यह चाहती है कांग्रेस वर्किंग कमिटी। पार्टी के आला अधिकारियों ने एकमत होकर राहुल को इस साल के अंत तक यह जिम्मेदारी संभालने को कहा है। कांग्रेस वर्किंग कमिटी ने सोमवार को सोनिया गांधी की खराब सेहत को ध्यान में रखते हुए यह फैसला किया। अगर ऐसा होता है तो यह सोनिया के 17 साल के कार्यकाल का अंत होगा।
सोनिया ने जब कांग्रेस की बागडोर संभाली थी तब पार्टी में न सिर्फ नेतृत्व का संकट था बल्कि लगातार तीन चुनाव हारने के बाद कार्यकर्ताओं के हौसले भी पस्त थे। सोनिया, जिन्होंने इस बैठक की अध्यक्षता करनी थी, ने डॉक्टरों की सलाह में इसमें शामिल नहीं हो पाई। कमिटी के अन्य सदस्यों को बैठक से 30 मिनट पहले ही इस बात की जानकारी मिल पाई।
बैठक में पूर्व रक्षा मंत्री ए.के. एंटनी ने कहा कि अब वक्त आ गया है कि राहुल की पदोन्नति पर जारी सवालों पर विराम लगना चाहिए। पार्टी के पुराने विश्वासपात्र एंटनी ने कहा कि वह जानते हैं कि सोनिया गांधी भी उत्तराधिकार के इस मुद्दे को जल्द सुलझाना चाहती हैं। एंटनी की इस बात का समर्थन पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और वर्किंग कमिटी के अन्य सदस्यों ने एक स्वर में किया।
अंबिका सोनी, सीपी जोशी और करण सिंह ने अध्यादेश पारित कर राहुल को फौरन पार्टी अध्यक्ष बनाने की वकालत की। राहुल को अध्यक्ष बनाए जाने की मांग हालांकि काफी समय से चल रही है लेकिन पार्टी का थिंक टैंक इस मुद्दे पर काफी सोच-विचार कर फैसला करने के मूड में है। अगर राहुल को दिसंबर में अध्यक्ष नहीं बनाया जाता है तो पार्टी चुनावों की तैयारियों में फंस जाएगी।