रोहतक,चंडीगढ़। हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने आज कहा कि उनके राज्य को जारी किए जा रहे पानी पर ‘लागत एवं रायल्टी’ लगाने के लिए पंजाब विधानसभा द्वारा पारित प्रस्ताव ‘असंवैधानिक’ है।
उन्होंने यहां कहा, ‘‘ हरियाणा और राजस्थान जैसे गैर तटवर्ती राज्यों पर शुल्क लगाना असंवैधानिक है। 2006 में पंजाब विधानसभा ने इसी तरह से काम किया था, लेकिन उच्चतम न्यायालय ने इसे खारिज कर दिया था।’’
खट्टर ने दावा किया कि पंजाब की इस तरह की कार्रवाइयों का कोई असर नहीं होगा।
मुख्यमंत्री ने आश्वासन दिया कि केन्द्र और राष्ट्रपति से सतलज यमुना लिंक एसवाईएल नहर मुद्दे पर पंजाब द्वारा जो भी प्रस्ताव पारित किए जाते हैं, उन पर कार्रवाई करने का आग्रह किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि इस मुद्दे पर हरियाणा के पक्ष में उच्चतम न्यायालय का निर्णय, राज्य में किसानों के लिए ‘आशा की किरण’ है। ‘‘ हरियाणा के कई हिस्सों को पानी मिलेगा। राज्य में ऐसे कई इलाके हैं जहां गर्मियों में पानी की किल्लत होती है। अब उन इलाकों को राहत मिलेगी।’’
इस बीच, हरियाणा के कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री ओपी धनकर ने इस प्रस्ताव को ‘राष्ट्र विरोधी और राजनीतिक नाटकबाजी’ करार दिया।
उन्होंने कहा, ‘‘ उच्चतम न्यायालय द्वारा हाल ही में हरियाणा के पक्ष में निर्णय देने के बावजूद इसे पेश किया गया है।’’
धनकर ने कहा, ‘‘ पानी के लिए भुगतान का सवाल ही पैदा नहीं होता। वास्तव में पंजाब को हरियाणा के किसानों को पिछले कई वर्षों में हुए हजारों करोड़ रपये के नुकसान के लिए भरपाई करनी चाहिए।’’