सरकारी आवासों में अनाधिकृत ठहरने के लिए अधिकारियों को भुगतान करना होगा अदालत

Samachar Jagat | Friday, 02 Dec 2016 07:47:14 PM
Public housing authorities will have to pay the court for unauthorized stay

नई दिल्ली। दिल्ली उच्च न्यायालय ने कहा कि तय मियाद से अधिक सरकारी आवास में रहने वाले लोक सेवकों को ‘‘अनाधिकृत रूप से ठहरने’’ के लिए भुगतान करना होगा और केन्द्र ऐसे लोगों के खिलाफ वसूली कार्यवाही शुरू कर सकती है।

मुख्य न्यायाधीश जी रोहिणी और न्यायमूर्ति संगीता ढींगरा सहगल की पीठ ने कहा कि अगर आवंटन प्राप्त करने वाले संपत्ति निदेशालय द्वारा उनके लिए तय की गई मियाद से अधिक सरकारी आवास में रहते हैं तो उन्हें अनधिकृत रूप से ठहरने की समयावधि के लिए क्षतिपूर्ति दरों पर लाइसेंस शुल्क का भुगतान करना होगा और इसलिए सरकार लोक परिसर संबंधी कानून के तहत आवंटन प्राप्तकर्ताओं के खिलाफ वसूली कार्यवाही शुरू कर सकती है।

पीठ ने यह आदेश एक सेनाधिकारी की याचिका खारिज करते हुए दिया। अधिकारी ने एक न्यायाधीश के फैसले के खिलाफ अपील की थी। फैसले में जुलाई 2008 से जुलाई 2011 तक आधिकारिक आवास का अनाधिकृत प्रयोग और कब्जा रखने के लिए क्षतिपूर्ति के रूप में 9 . 4 लाख रूपये देने तथा आवास खाली करने के संपत्ति अधिकारी के निर्देश को बरकरार रखा गया था।

याचिकाकर्ता दिसंबर 1984 में भारतीय सेना में शामिल हुए थे और 2001 में उन्हें यहां आवास मिला था जब वह रक्षा मंत्रालय के मुख्यालय पर तैनात थे। मई 2008 को उनका तबादला दिल्ली से बाहर हो गया और उनसे दो महीनों में आवास खाली करने को कहा गया। संपत्ति अधिकारी ने उनके खिलाफ फैसला सुनाते हुए उन्हें परिसर खाली करने का निर्देश दिया था।



 

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