महू। दलितो के हक और समाज में समानता के लिए पूरी जिंदगी लडऩे वाले बाबासाहब अंबेडकर की जन्मस्थली पर एक दलित छात्र को जातिसूचक शब्द कहने का मामला सामने आया है। मामले के मुताबिक एडवांस टेक्निकल कॉलेज में प्रोफेसर विक्रम सिंह ठाकुर ने एक छात्र के लिए जातिसूचक शब्द का इस्तेमाल किया।
प्रोफेसर द्वारा जातिसूचक शब्द के इस्तेमाल का छात्रों ने विरोध किया और पुलिस में शिकायत दर्ज कराई। लेकिन बाद में छात्र नेता प्रोफेसर ठाकुर के खिलाफ शिकायत इस शर्त पर वापस लेने के तैयार हो गए कि वो बाबासाहब आंबेडकर की जन्मस्थली पर जाकर उनकी प्रतिमा के सामने कान पकडक़र माफी मांगेगे। छात्रों ने प्रोफेसर ठाकुर से बाबसाहब आंबेडकर की प्रतिमा के सामने भविष्य में ऐसी हरकत न करने की शपथ भी दिलवाई।
संविधान निर्माता डॉ.भीमराव आंबेडकर का जन्म 14 अप्रैल 1891 को तत्कालीन सेंट्रल प्रॉविंस (अब मध्य प्रदेश) के महू स्थित सैनिक छावनी में हुआ था। उनके पिता ब्रिटिश इंडियन आर्मी में सैनिक थे। उनके पिता मूलत: महाराष्ट्र के रत्नागिरी जिले के रहने वाले थे।
भारतीय संविधान के अनुसार अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति के लोगों के लिए जाति सूचक शब्द का प्रयोग दंडनीय अपराध है। द शेड्यूल कास्ट्स एंड ट्राइब्स (प्रिवेंशन ऑफ एट्रोसिटीज) एक्ट के तहत छुआछूत दूर करने के लिए एससी-एसटी के तहत आने वाली जातियों के लिए जाति सूचक शब्दों के प्रयोग पर प्रतिबंध है। ये कानून एससी-एसटी एक्ट के नाम से जाना जाता है।