अहमदाबाद: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी एक ओर जहां पूरे देश को अच्छी आदतों के लिए प्रेरित कर रहे हैं तो वहीं उनके गृह राज्य की राजधानी ही नशे कि गिरफ्त में घिरती दिखाई दे रही है।
बुधवार को नार्कोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो ने प्रतिबंधित मादक पदार्थों का कथित तौर पर निर्यात करने वाले गिरोह के तीन लोगों को गिरफ्तार किया। इन लोगों के पास से जितनी मात्रा में नशीली गोलियां और कैप्सूल जब्त किए गए उसे देखकर हर कोई हैरान रह गया।
इस गिरोह के पास से नशे की कुल मिलाकर 27,000 गोलियां और कैप्सूल बरामद किए। नार्कोटिक्स टीम की माने तो यह बहुत बडी़ मात्रा है, तथा इसकी अंतर्राष्ट्रीय बाज़ार में कीमत करोड़ों रुपए में बैठती है। इन कैप्सूल्स के अलावा स्पस्मोप्रोक्सीनवान के 480 कैप्सूल भी बरामद किए गए।
प्रदेश सरकार के लिए चिंता का विषय:
नशे की इतनी बड़ी खेप पकड़ा जाना नार्कोटिक्स विभाग के लिए तो उपलब्धि हो सकती है लेकिन प्रदेश सरकार के लिए यह सोचने का विषय है। क्यूंकि पिछले कुछ समय में प्रदेश में कई स्थानों पर नशीली पदार्थों के सेवन और जब्ती के कई मामले सामने आए हैं। पीएम मोदी भी इस बाबत अपनी चिंता जाहिर कर चुके हैं।
अहमदाबाद एनसीबी के जोनल निदेशक हरि ओम गांधी ने बताया कि पुख्ता सूचना के आधार पर अहमदाबाद जोन के एनसीबी अधिकारियों ने मोहम्मद आरिफ और मोहम्मद जफर को तब पकड़ा जब वे भरूच में एक कूरियर कंपनी से दवाओं का एक पार्सल लेने के लिए आए थे जिसमें अफीम थी।
उन्होंने कहा कि नई दिल्ली से भेजे गए इन पार्सलों को जांचा गया तो हमने पाया कि इसमें अफीम भरी हुई बड़ी मात्रा में गोलियां और कैप्सूल थे। इस बीच हमारी टीम ने सूरत से तीसरे आरोपी मोहम्मद उमर को पकड़ लिया।
गांधी ने बताया कि आरिफ के घर की तलाशी लेने पर अधिकारियों को तंबाकू के पैकेट में रखी गईं अफीम की ओर गोलियां मिलीं।
उन्होंने कहा कि कुल मिलाकर हमने 27,000 गोलियां और कैप्सूल बरामद किए हैं। हमने एनडीपीएस कानून का उल्लंघन करने पर तीनों को गिरफ्तार कर लिया है।
शुरूआती जांच में सामने आया कि तीनों डाक विभाग की पार्सल सेवा के जरिए इन मादक पदार्थों को अमेरिका, कनाडा और यूरोप भेजने का कथित रैकेट चला रहे थे।
गांधी ने कहा कि अधिकारियों को गुमराह करने के लिए वे पार्सलों पर '' खाने के पैकेट" लिखते थे। खुद को पकड़ने से बचाने के लिए वे प्राप्तकर्ता और भेजने वाले का गलत पता लिखते थे।