नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इंटरसेप्टर मिसाइल के सफल परीक्षण के लिए रक्षा वैज्ञानिकों को गुरुवार को बधाई देते हुए कहा कि यह देश के लिए गौरवान्वित करने वाला पल है। मोदी ने ट्वीट कर कहा, इस सफल परीक्षण के साथ भारत इस तरह की क्षमताओं वाले पांच चुनिदा देशों की श्रेणी में शामिल हो गया है। भारत ने बुधवार को एडवांस्ड एयर डिफेंस (एएडी) मिसाइल का सफल परीक्षण किया। गौरतलब है कि यह परीक्षण 11 फरवरी को पृथ्वी डिफेंस व्हीकल (पीडीवी) इंटरसेप्टर मिसाइल के सफल परीक्षण के बाद एक महीने से भी कम समय में हुआ है।
जानें-खास बातें
-यह सिस्टम भारत के बलिस्टिक मिसाइल डिफेंस कार्यक्रम का हिस्सा है। बीएमडी कार्यक्रम 90 के दशक के अंत में शुरू हुआ था। इसमें दो स्तरों, एंडो (वायुमंडल के अंदर) और एक्सो (वायुमंडल के बाहर) पर मिसाइलों से रक्षा सुनिश्चित की जाती है।
- एक्सो के तहत 50 से 150 किलोमीटर तक की ऊंचाई पर मिसाइल को निशाना बनाया जा सकेगा, जबकि एंडो के तहत 20 से 40 किलोमीटर की ऊंचाई पर ऐसा किया जा सकेगा।
- एक प्लान इससे भी नीचे की मिसाइलों को निशाना बनाने की है, ताकि करीब-करीब 100 फीसदी सुरक्षा हासिल की जा सके। इस प्रोग्राम के फेज 1 के तहत 2000 किलोमीटर की रेंज रखी गई है, जिसे दूसरे फेज में 5000 किलोमीटर किया जाएगा।
- इस प्रोग्राम के तहत 11 फरवरी को भी पृथ्वी डिफेंस वीइकल का टेस्ट किया गया था। इसमें एक्सो लेवल पर मिसाइल का टेस्ट किया गया था। तब 97 किलोमीटर की ऊंचाई पर टार्गेट मिसाइल को निशाना बनाया गया था।
-बीएमडी सिस्टम के तहत देश के अहम रक्षा ठिकानों और शहरों पर अर्ली वॉर्निंग एंड ट्रैकिंग सेंसर्स का जाल बिछाया जाएगा। इसके अलावा जमीन और समुद्र से छोड़े जा सकने लायक इंटरसेप्टर मिसाइल लगाए जाएंगे।
-इस सिस्टम का अब तक 10 बार परीक्षण किया जा चुका है, जिसमें तीन बार असफलता भी हाथ लगी। रक्षा जानकार मानते हैं कि इन सिस्टम की तैनाती में अभी भी कम से कम दो साल का वक्त लगेगा।