नई दिल्ली। दो दिग्गजों की एक मुलाकात ने यूपी के सियासी हलको में हलचल मचा दी है। यह मुलाकात सपा प्रमुख मुलायम सिंह और कांग्रेस के यूपी चुनाव रणनीतिकार प्रशांत किशोर के बीच हुई है। इस मुलाकात के अलग-अलग मायने निकाले जा रहे हैं। कांग्रेस के चुनाव रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने मंगलवार को सपा प्रमुख मुलायम सिंह यादव के साथ दो घंटे की बैठक की, जो अगले साल की शुरुआत में होने वाले उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले समान विचारधारा वाली पार्टियों के साथ गठजोड़ करना चाहते हैं।
प्रशांत किशोर ने सपा नेता अमर सिंह के साथ मुलायम सिंह यादव से उनके दिल्ली स्थित आवास पर मुलाकात की। चुनाव की तारीखों की घोषणा से पहले यह मुलाकात संभवत: एक गठजोड़ बनाने की संभावना पर चर्चा के लिए की गई है।
घटनाक्रम से करीबी तौर पर जुड़े सूत्रों ने इस बात की पुष्टि की है कि प्रशांत किशोर ने मुलायम से मुलाकात की। राजनीतिक गलियारों में यह चर्चा है कि मुलायम ने जेडीयू नेता और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से बात की, जो दिल्ली में हैं। हालांकि, फिलहाल इसकी पुष्टि नहीं हो पाई है।
किशोर ने पिछले साल नीतीश कुमार के विधानसभा चुनाव अभियान का जिम्मा संभाला था, जिसमें उन्होंने सफलता हासिल की थी।
हालांकि, पार्टी में चल रहे कलह के बावजूद चुनाव में सपा का मुख्य लक्ष्य मुस्लिम वोट को बंटने से रोकना है, जिसके लिए यह धर्मनिरपेक्ष पार्टियों से गठजोड़ करने पर गौर कर रही है।
सपा सरकार में हुए दंगे और परिवारिक कलह के कारण भी सपा को अंदर ही अंदर सत्ता हाथ से जाने का डर सता रहा है, खासकर मुस्लिम और यादव वोट का बंटाधार सपा बिल्कुल नहीं चाहती। ऐसी स्थिति में अगर सपा की कुछ सीटें कम हो भी जाती हैं तो कांग्रेस के गठबंधन से उसे काफी सहारा मिल सकता है और सपा फिर से सत्ता हासिल करने में कामयाब हो सकती है।