SC ने चेताया, नोटबंदी से परेशानी बनी रहने पर भडक़ सकते हैं दंगे

Samachar Jagat | Saturday, 19 Nov 2016 07:55:25 AM
People are affected there may be riots Supreme Court

नई दिल्ली। सर्वोच्च न्यायालय ने नोटबंदी के खिलाफ उच्च न्यायालयों और निचली अदालतों में याचिकाओं की सुनवाई पर रोक लगाने से फिलहाल इनकार कर दिया। साथ ही अदालत ने चेतावनी दी कि अगर परेशानी जारी रही तो दंगे हो सकते हैं। सरकार से इस परेशानी को दूर करने की बात कहते हुए देश की सर्वोच्च अदालत ने कहा कि अगर यह परेशानी जारी रही तो हमें दंगे देखने पड़ सकते हैं, क्योंकि कतारों में घंटों खड़े रहने से लोग व्यग्र हो गए हैं।

महान्यायवादी मुकुल रोहतगी ने विभिन्न उच्च न्यायालयों और निचली अदालतों में नोटबंदी के खिलाफ इस तरह की सभी प्रक्रियाओं पर रोक लगाने के लिए शीर्ष अदालत से अनुरोध किया। इस पर प्रधान न्यायाधीश न्यायमूर्ति टी.एस.ठाकुर और न्यायमूर्ति अनिल आर. दवे की पीठ ने कहा, यह केवल बताता है कि समस्या बहुत गंभीर है। उन्हें अदालत आने से आप नहीं रोक सकते हैं। लोग पैसे पाने के लिए व्यग्र हैं। लोग प्रभावित हैं। सडक़ों पर दंगे हो सकते हैं। उन्हें अदालत आने दीजिए। अदालत ने कहा कि सरकार लोगों की परेशानी और कठिनाई से इनकार नहीं कर सकती है।

मामले की सुनवाई की शुरुआत में पीठ ने पूछा कि अमान्य नोटों को नए नोटों से बदलने की राशि की अधिकतम सीमा 4500 रुपये से घटाकर 2000 रुपये कैसे कर दी गई, जबकि सरकार से लोगों की परेशानी कम करने के लिए कदम उठाने को कहा गया था। सर्वोच्च न्यायालय ने मामले की अगली सुनवाई के लिए 25 नवंबर की तिथि निर्धारित की और महान्यायवादी से याचिकाओं को दिल्ली स्थानान्तरित करने के लिए याचिका दायर करने को कहा, जिस पर अदालत विचार करेगी। याचिकाकर्ताओं के वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने कहा कि 23 लाख करोड़ रुपये मूल्य की मुद्राएं मुद्रित होनी हैं। 14 लाख करोड़ रुपये मूल्य की मुद्राएं अमान्य घोषित की गई हैं और इनका कोई प्रतिस्थापन नहीं हुआ है। उन्होंने कहा कि नौ लाख करोड़ मूल्य की मुद्राएं चलन में हैं।

महान्यायवादी रोहतगी ने अदालत को बताया कि सरकार हर दिन और हर घंटे स्थिति पर निगरानी रख रही है। उन्होंने लोगों को सहूलियत देने के लिए सरकार द्वारा उठाए गए कदमों की जानकारी दी। रोहतगी ने जब 2 लाख एटीएम, सवा लाख बैंक शाखाओं और उन पेट्रोल पंपों का जिक्र किया जहां से लोग पैसे निकाल सकते हैं तो सिब्बल ने कहा कि इनमें से 75000 एटीएम काम नहीं कर रहे हैं और ऐसे एटीएम की संख्या बहुत अधिक है जिन्हें नई मुद्रा के अनुकूल नहीं बनाया गया है।

सिब्बल ने अदालत को बताया कि नोटबंदी के कारण 47 लोगों की मौत भी हो चुकी है। रोहतगी ने सिब्बल के बयान को राजनीति से प्रेरित बताते हुए अदालत से कहा कि आप जाकर खुद भी देख सकते हैं कि कतारें छोटी हो गईं हैं। जब सिब्बल अपनी बात पर कायम रहे तो रोहतगी ने पलटकर कहा, मैंने आपकी (सिब्बल की) प्रेस कांफ्रेंस देखी है। सिब्बल कांग्रेस के वरिष्ठ प्रवक्ता हैं। सुनवाई के दौरान पीठ ने पूछा कि 100 रुपये मूल्य के नोट क्यों नहीं उपलब्ध कराए जा रहे हैं। इस पर रोहतगी ने कहा कि चलन में 85 प्रतिशत नोट 500 और 1000 रुपये मूल्य के रहे हैं।

मामले की अगली सुनवाई के लिए 25 नवंबर की तारीख देते हुए अदालत रोहतगी से कहा कि वह सिब्बल द्वारा दिए गए सुझावों पर ध्यान दें। रोहतगी ने कहा कि वह पहले ही इन सुझावों को संबंधित अधिकारियों तक पहुंचा चुके हैं। इस बीच, महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना ने भी नोटबंदी के खिलाफ अदालत में याचिका दायर कर दी है।

 



 

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