नई दिल्ली। जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला से अलग रह रही उनकी पत्नी पायल अब्दुल्ला ने दिल्ली उच्च न्यायालय की शरण लेते हुए अपने और अपने पुत्र के लिए यह कहते हुए सरकारी आवास देने का अनुरोध किया कि उन्हें ‘जेड’ और ‘जेड प्लस’ सुरक्षा प्राप्त है।
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मुख्य न्यायाधीश जी रोहिणी एवं न्यायमूर्ति संगीता ढींगरा सहगल की पीठ ने पायल के अनुरोध पर केन्द्र को एक नोटिस जारी करते हुए उसका जवाब मांगा। पायल ने एकल न्यायाधीश के 19 अगस्त के उस आदेश को चुनौती दी है जिसमें उनसे नई दिल्ली के सात अकबर रोड स्थित बंगले को खाली करने को कहा गया है, जहां वह रह रही हैं।
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उन्होंने अपनी अपील में कहा कि केन्द्र सरकार को उन्हें एवं उनके पुत्र को उसी तरह का आवास दिलाने का निर्देश देने को कहा जाए जैसा कि इसी प्रकार के सुरक्षा दर्जा पाये लोगों को दिया जा रहा है।
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पायल ने दावा किया था कि उन्हें केन्द्र सरकार की सुरक्षा मिली हुई है। हालांकि एकल न्यायाधीश के समक्ष गृह मंत्रालय का प्रतिनिधित्व करने वाले वकील अनुराग अहलुवालिया ने इससे इंकार किया था।
गुमराह करने वाले बोल
उन्होंने अपनी याचिका में दावा किया कि वह और उनका पुत्र किराये के मकान में रह रहे हैं जो सुरक्षा कारणों से उपयुक्त नहीं है।