कोच्चि। कोच्चि की एक अदालत ने 14 साल की एक लडक़ी से कई बार बलात्कार करने के मामले में 41 साल के एक कैथोलिक पादरी को शेष जीवन के लिए सश्रम कारावास की आज सजा सुनाई। अदालत ने कहा कि उसने पद का दुरपयोग किया और इस हद तक चला गया कि पीडि़ता के चरित्र को लेकर उंगली उठाई और चर्च के अनुयायियों के साथ विश्वासघात किया।
अतिरिक्त जिला एवं सत्र अदालत के न्यायाधीश के टी निसार अहमद ने एर्नाकुलम जिले में लॉरडेस मथा चर्च, पुथेनवेलिक्करा से जुड़े एडविन पिगारेज को पॉक्सो अधिनियम और भारतीय दंड संहिता के तहत दोषी ठहराते हुए कहा कि वह कानून के तहत निर्धारित अधिकतम सजा के हकदार हैं, जिसका प्रतिरोधक प्रभाव होना चाहिए।
अपने फैसले में अदालत ने कहा कि पादरी ने ‘चर्च के उपधर्माध्यक्ष के तौर पर अपने पद का दुरपयोग किया और दोहरे सश्रम कारावास की सजा सुनाई’ जिसका मतलब है कि यह उनके जीवन के शेष हिस्से तक कारावास की सजा रहेगी।
अदालत ने कहा कि उसने न सिर्फ 14 वर्षीय लडक़ी का यौन उत्पीडऩ किया ‘‘बल्कि चर्च के तमाम अनुयायियों के साथ विश्वासघात किया। यह गौर करना जरूरी है कि वह इस हद तक गया कि उसने पीडि़ता छोटी लडक़ी को बदचलन बताने की कोशिश की।’’
अदालत ने पिगारेज पर दो लाख 15 हजार रपये का जुर्माना भी लगाया। यह अदालत महिलाओं और बच्चों के खिलाफ अत्याचार और यौन हिंसा से जुड़े मामलों पर सुनवाई करती है।