लखनऊ। उत्तर प्रदेश राज्य विधानसभा का चुनाव हारने के बावजूद समाजवादी पार्टी (सपा) अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कार्यकर्ताओं, नेताओं और नवनिर्वाचित विधायकों से मुलाकात की। पार्टी कार्यकर्ताओं ने अखिलेश यादव के प्रति अपनी आस्था व्यक्त की है।
सपा के मुख्य प्रवक्ता राजेंद्र चौधरी ने यहां जारी बयान में कहा है कि पिछले एक सप्ताह से अध्यक्ष अखिलेश यादव कार्यकर्ताओं, प्रत्याशियों, नेताओं और नव निर्वाचित विधायको से भेंट कर चुके हैं। सभी ने यादव के नेतृत्व के प्रति अपनी आस्था जताई है । उन्होंने बताया कि इस प्रकार के चुनाव परिणामों की किसी को उम्मीद नहीं थी, इसके बावजूद पार्टी के कार्यकर्ता भी यादव के प्रति अपनी आस्था जता रहे है।
चौधरी ने कहा कि गांवों में किसानों को लगता है कि उनके साथ छल हुआ हैं। उन्हें यकीन है कि गरीबों और किसानों के हित के लिये यादव के अलावा कोई दूसरा नेता नहीं मिल सकता। लोगों का मानना है कि उन्होंने गरीबों और महिलाओं के हित में पूरी ईमानदारी से काम किया है। उन्होंने कहा कि ये क्या से क्या हो गया जहां चमन था सहरा हो गया।
मुख्य प्रवक्ता ने बताया कि पार्टी की हार से निवर्तमान मुख्यमंत्री से आकर मिलनेवाली महिलायें अपनी समाजवादी पेंशन , छात्रायें कन्या विद्याधन के लिए , कौशल प्रशिक्षण का लाभ पाने वाले और जनहित की तमाम योजनाओं से लाभान्वितों को अपना सब कुछ खोया-खोया सा लगता है। मुख्यमंत्री सभी को सांत्वना देते हैं और परेशान न होने का भरोसा दिलाते है।
गाजीपुर से आए हुए कार्यकर्ताओं ने अध्यक्ष से कहा कि गाजीपुर से वाराणसी तक पशु पालकों के घरों में दो दिन तक चूल्हा नहीं जला। अखिलेश यादव ने कार्यकर्ताओं से निराश न होने और नये जोश के साथ पुन: संगठन को मजबूती देने में जुटने की सलाह दी। बड़ी संख्या में नौजवान और अल्पसंख्यक अपने युवा नेता से मिलने लगातार आ रहे हैं। उन्हें समझ नहीं आ रहा है कि उनके द्वारा किया गया मतदान कहां गुम हो गए। अल्पसंख्यक समुदाय के लोग अचंभित है कि सपा के चुनाव चिन्ह साइकिल पर दिया गया मतदान कमल में कैसे बदल गये। राजनीति में शायद यह पहली घटना है जिस पर लोगों को सहसा इस अप्रत्याशित परिणाम से विश्वास नहीं हो रहा है।
उन्होंने कहा कि यह उजाले पर अंधेर राज का अगाज जैसा है। किसानों को अपना भविष्य अनिश्चित दिखता है। बीमारों को अस्पतालों में इलाज और 108 नं0 की सुविधा खोने का डर सताने लगा है। महिलाएं समाजवादी पेंशन को लेकर सहमी हुई है। कलाकार, साहित्यकार, किसान आदि अखिलेश यादव में ही उन्हें अपना भविष्य दिखता था और अब भी भरोसा है कि आगे उनकी भजदगी में बेहतर बदलाव आएंगे। -(एजेंसी)